इंदौर : 24 घंटे में सौ कलाकार देंगे प्रस्तुति, सुरों की बारिश से भीगेगा शहर

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sadbhawnapaati
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वर्ल्ड म्यूजिक डे के मौके पर 21 जून को इंदौर में अनूठा आयोजन होने जा रहा है। 24 घंटों तक अनवरत संगीत की धारा बहेगी। बिना रूके, बिना थके सुरों की बरसात होगी। मानसून भी आमद दे चुका है और मौसम सुहाना हो रहा है। ऐसे में संगीत के नाम पूरा दिन संगीतप्रेमी इंदौरियों के लिए खास रहने वाला है।

दरअसल 21 जून को वर्ल्ड म्यूजिक डे है। इस अवसर पर इंदौर में इंटरनेशनल रिदम बैंड और संगीत कला संदेश कृष्णपुरा छत्री पर 24 घंटे की संगीत महफ़िल करने जा रहा है। 21 जून सुबह 6 बजे से 22 जून सुबह 6 बजे तक निरंतर चलने वाली संगीत महफ़िल में इंदौर के सभी संगीत कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।  आयोजक राजेश मिश्रा, अभिषेक गावड़े ने बताया कि ये अनूठा आयोजन पिछले 14 वर्षों से हम सभी संगीत संस्थाओं और कलाकार के सहयोग से छत्री पर कर रहें है। सुबह की बेला में पंडित सुनील मसूरकर का शास्त्रीय गायन होगा। इसके बाद फ़िल्मी नगमों की प्रस्तुति होगी। लगभग 100 गायक कलाकार, साजिंदे 24 घंटे प्रस्तुति देंगे। इसकी तैयारियां सोमवार शाम को शुरू हो गई। छत्री को रंगीन लाइट से दरबार हॉल की तरह सजाया जाएगा, जहां कलाकार प्रस्तुति देंगे। सोमवार को कारीगर तैयारियों में जुटे थे और आयोजन को अंतिम रूप देने में लगे थे। मिश्रा ने बताया कि हर साल इस तरह का आयोजन करते हैं। बाकी शहरों में भी 12 या 14 घंटे के आयोजन होते हैं लेकिन इंदौर में 24 घंटे का आयोजन होता है। पिछले दो साल कोरोना के कारण यह नहीं कर पाए थे, लेकिन इसके पहले लगातार करते आए। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में अधिकांश इंदौर के ही रहते हैं। इसके अलावा देवास, उज्जैन, बड़वानी, महू आसपास के कलाकार भी आते हैं। पहले इंदौर में ही म्यूजिक डे बड़े पैमाने पर मनाया जाता था, इस कारण सभी यहां आते थे मगर अब छोटे शहरों में भी आयोजन होने लग लग गए हैं। हम यह आयोजन किसी रिकॉर्ड या उपलब्धि के नहीं करते बल्कि इसके पीछे ये सोच है कि यह संगीत का त्यौहार है। जैसे हम दीवाली, ईद आदि त्यौहार मनाते हैं वैसे ही संगीत का त्यौहार मनाते हैं। इसलिए इस दिन को पूरी तरह एंजॉय करते हैं औऱ संगीतप्रेमी भी यहां आकर आनंद लेते हैं। सुबह शास्त्रीय संगीत से शुरुआत होती है। बाद में फिल्मी गीत, गजल, भजन आदि की प्रस्तुति होती है। यह पूरा लाइव कार्यक्रम होता है, इसमें कराओके ट्रैक का इस्तेमाल नहीं करते।

21 जून 1982 से हुई  शुरुआत
इतिहास की बात करेंतो पहली बार वर्ल्ड म्यूजिक डे को 21 जून सन 1982 में फ्रांस में मनाया गया था। फ्रांसीसी संस्कृति के मंत्री मौरिस फ़्ल्यूरेट सबके सामने वर्ल्ड म्यूजिक डे मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सन् 1981 में स्वीकार कर लिया गया। उसके बाद फ्रांस के अगले संस्कृति मंत्री जैक लैंग ने सन् 1982 में हर साल विश्व संगीत दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वर्ल्ड म्यूजिक डे के दिन संगीत के क्षेत्र से जुड़े बड़े-बड़े गायकों और संगीतकारों को सम्मान दिया जाता है। दुनिया भर में जगह-जगह पर संगीत से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिन्हें संगीतकारों और गायकों को सम्मानित किया जाता है। वर्ल्ड म्यूजिक डे दुनिया के 32 से अधिक देशों में मनाया जाता है। इस दिन अलग-अलग देशों के संगीतकार अपने-अपने वाद्ययंत्रों के साथ कार्यक्रम पेश करते हैं। पेरिस से शुरू हुआ यह विश्व संगीत दिवस अब भारत, इटली, ग्रीस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, पेरू, ब्राजील, इक्वाडोर, मैक्सिको, कनाडा, संयुक्त राज्य अमरीका, यूके, जापान, चीन, मलेशिया और कुछ अन्य देश विश्व संगीत दिवस मनाते हैं।

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