आइडियल ग्रुप का बड़ा खेल, सरकार से ठगी, जनता से धोखा : बंधक भूखंड बेच डाले, बाद में कंप्लीशन की क्लीन चिट? लेकर लिखी घोटाले की नई परिभाषा 

sadbhawnapaati
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इंदौर। रियल एस्टेट की चमक-धमक के पीछे ऐसे कई फर्जीवाड़े छिपे हैं, जहाँ न सिर्फ आम जनता को ठगा जाता है, बल्कि शासन को भी चकमा देने में कॉलोनाइज़र पीछे नहीं रहते। ये लोग नित्य नए-नए हथकंडे अपनाकर मोटा मुनाफा कमाते हैं, और फिर कुछ भ्रष्ट अधिकारियों से सांठगांठ कर पूरे मामले को दबा देते हैं।

इंदौर की आइडियल पेरामाउंट सिटी एक्सटेंशन और आइडियल लोटस विलास कॉलोनियों में डेवलपर्स राधेश्याम पंवार, रजिक शेख, अजय सोनी, अश्विन मोदी, और जितेंद्र पंवार पर सनसनीखेज आरोप लगे हैं। एक समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत ने खुलासा किया है कि इन डेवलपर्स ने पंजीयन कार्यालय के साथ मिलीभगत कर कलेक्टर के स्पष्ट आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए बंधक भूखंडों को बेच डाला। यह घोटाला न केवल शासन के साथ धोखाधड़ी है, बल्कि उन मासूम खरीदारों के सपनों को भी चकनाचूर करता है, जिन्हें गलत तरीके से भूखंड बेचे गए।

1 जून 2022 को इंदौर कलेक्टर कार्यालय ने आइडियल पेरामाउंट सिटी एक्सटेंशन तहसील हातोद जिला इंदौर को कालोनी विकास अनुमति दी, जिसमें साफ-साफ लिखा था कि 49 बंधक भूखंड (कुल क्षेत्रफल 4356.2256 वर्ग मीटर) की बिक्री, खरीद या रजिस्ट्री बिना सक्षम अनुमति के नहीं हो सकती। बंधक पंजीकरण (MP179152022A1435188, 26 अप्रैल 2022) के तहत प्रभावित भूखंड हैं: 157, 158, 166–170, 177–179, 188, 191, 192, 196, 199, 200, 215, 221, 224, 225, 233, 234, 253, 254, 260–274, 282, 286, 294, 314–317, 164, 165, 223। यह आदेश वरिष्ठ पंजीयक और जिला पंजीयक, इंदौर-1 को भी भेजा गया था।

इस परियोजना को रेरा से 15 सितंबर 2022 से 30 जून 2024 तक अनुमति (P-IND-22-3682) मिली थी। जानकारी अनुसार भूखंडों की बंधक मुक्ति 15 जनवरी 2024 को हुई, लेकिन उससे पहले ही कई भूखंड बेचे जा चुके थे।

राधेश्याम और रजिक की करतूत

कलेक्टर के आदेशों को ताक पर रखकर राधेश्याम पंवार और रजिक शेख ने आइडियल पेरामाउंट सिटी एक्सटेंशन में बंधक भूखंडों की बिक्री शुरू कर दी। कुछ चौंकाने वाले उदाहरण:

भूखंड संख्या क्रेता का नाम तारीख
261 गोपाल प्रसाद 18-11-2022
223 महेश नागर 23-11-2022
165 संगीता प्रजापत 16-01-2023
165 सपना अग्रवाल 3/8/2023

सबसे चौंकाने वाली बात? भूखंड 165 को बिना पूर्णता प्रमाणपत्र के 2-3 बार बेच दिया गया! 2023 में और भी भूखंड (199, 221, 254, 267, 268, 269, 272, 273, 286, 315, 316) बेचे गए, जिनकी संख्या 12 के करीब है।

आइडियल लोटस विलास, तहसील हातोद जिला इंदौर जिसे राधेश्याम पंवार, अजय सोनी, अश्विन मोदी और जितेंद्र पंवार ने विकसित किया, को 12 अप्रैल 2023 को कलेक्टर से विकास अनुमति और 5 अक्टूबर 2023 से 30 जून 2025 तक रेरा अनुमति (P-OTH-23-4271) मिली। इस कालोनी में बंधक पेठे 101 भूखंडों को रखा गया था। लेकिन यहाँ भी दर्जनों बंधक भूखंड बिना पूर्णता प्रमाणपत्र के बेचे गए। कुछ मामलों में डायरी एग्रीमेंट के आधार पर बुकिंग के आरोप भी हैं।

डेवलपर्स की बेशर्मी: जवाब तक नहीं!

7 मार्च 2025 को शिकायतकर्ता की ओर से राधेश्याम पंवार, रजिक शेख, अजय सोनी, अश्विन मोदी, और जितेंद्र पंवार को ईमेल (infoidealinfrabuild@gmail.comidealparamountcity@gmail.com) भेजकर उनका पक्ष मांगा। दो बार रिमाइंडर, कॉल, और व्हाट्सएप के बावजूद इन बेशर्म डेवलपर्स ने कोई जवाब नहीं दिया। क्या यह उनकी गलती का इकबाल है?

पंजीयन कार्यालय की मिलीभगत?

सबसे बड़ा सवाल कलेक्टर के स्पष्ट आदेशों के बावजूद पंजीयन कार्यालय ने बंधक भूखंडों की रजिस्ट्री कैसे कर दी? क्या यह डेवलपर्स और अधिकारियों की साठगांठ का नतीजा है? यह धोखाधड़ी न केवल शासन के साथ, बल्कि उन खरीदारों के साथ भी है, जिनके सपनों को इन बिल्डरों ने कुचल दिया।

डेवलपर्स को जवाब देने के लिए कई मौके दिए गए लेकिन उनकी चुप्पी ने उनकी मंशा जाहिर कर दी। शिकायतकर्ता अब इस मामले को कलेक्टर इंदौर एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) के सामने ले जाने की तैयारी में हैं।

शिकायतकर्ता का कहना है  
इस पूरे मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक न्यासभंग), 468 और 471 (जालसाजी व फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही, रेरा एक्ट 2016 के तहत प्रोजेक्ट की पंजीयन रद्द करने, जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा सकती है। कॉलोनी एक्ट व नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के तहत कंप्लीशन सर्टिफिकेट निरस्त किए जा सकते हैं और कॉलोनाइज़रों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। यदि यह घोटाला शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की श्रेणी में आता है, तो आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा भी इसकी उच्च स्तरीय जांच की जा सकती है। यह घोटाला केवल रियल एस्टेट तक सीमित नहीं, बल्कि शासन की प्रणाली पर सीधा हमला है, ऐसे में प्रशासन से अपेक्षा है कि वह बिना किसी दबाव के कठोर कार्रवाई कर मिसाल पेश करे।

यह एक आपराधिक कृत्य है ऐसी कोई शिकायत या मामला सामने आएगा तो हम एफआईआर करवाएंगे – गौरव बेनल (आईएएस) प्रभारी, कालोनी सेल

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