एडवाइजरी कंपनी खोलकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाली मास्टर माइंड पूजा थापा ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कहा जा रहा है कि पुलिस की सख्ती के चलते मास्टरमाइंड पूजा ने सरेंडर किया है। पुलिस उससे मामले को लेकर पूछताछ कर रही है।
दरअसल पूजा ने जालसाजों के साथ मिलकर फर्जी एडवाइजरी कंपनियां बनाई थी और लोगों से करोड़ों रुपये ठगे थे। पुलिस को उसकी तलाश थी। इसी बीच बुधवार को पूजा थापा कोर्ट पहुंची और सरेंडर कर दिया। पुलिस के मुताबिक कई दिनों से पूजा उर्फ आशी उर्फ शैफाली पिता तिल बहादुर थापा निवासी शेखर प्लेनेट की तलाश थी।
वह लगातार पुलिस से बच कर भाग रही थी। पुलिस उसके दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर बनाए हुए थी। पुलिस की घेराबंदी के लगातार सख्त होने के चलते पूजा ने बुधवार को सीधे कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उस पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। बताया गया कि पूजा थापा, पवन तिवारी और उनके कुछ साथी पहले एक साथ एडवाइजरी कंपनी में काम करते थे।
वहां पुलिस ने पहले कार्रवाई कर उसे बंद करवा दिया था। इसके बाद पूजा ने सभी साथियों को इकट्ठा किया और फिर खुद की कंपनी बना ली। उसने कंपनी की आड़ में आधा दर्जन खाते खुलवाए और लोगो से धोखाधड़ी कर उसमें रुपये ट्रांसफर करने लगी।
यह बात सामने आई कि पूजा का परिवार नेपाल से देवास में आकर बस गया। कुछ समय बाद पिता और मां अलग हो गए। पूजा उसके भाई के साथ रहती थी।
यहां वह एक एडवाइजरी कंपनी में काम करती थी और यहीं से उसने लोगों को ठगने का तरीका सीखा था। पूजा ने पातालपानी में एक लग्जरी फॉर्म हाउस, सुपर कॉरिडोर और ओमेक्स सिटी में प्लॉट भी लिए थे। पूजा की बेंगलुरु और देवास में सम्पत्ति होने की बात सामने आई थी।
पुलिस इस मामले में अभी तक करीब एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में पूछताछ के लिए पूजा को राऊ पुलिस साथ ले गई है।
रुपये दो से तीन गुना करने का देते थे लालच
पूजा ने राऊ में ही फर्जी एडवाइजरी कंपनी बनाकर लोगों को ठगा था। पुलिस ने हाल ही में इस गिरोह का पर्दाफास कर इसके 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरोह ने एक महीने में करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी की थी।
गिरोह के सदस्य अलग-अलग वेबसाइट से लोगों के नंबर निकालकर लोगों कॉल करते और शेयर बाजार में निवेश करने की बात कहते। इस दौरान ये लोग रुपये दो से तीन गुना करने का लालच देते। लोग इनकी बातों में आकर रुपये दे देते औऱ रुपये मिलने के बाद ये लोग फोन बंद कर लेते।
पुलिस को इस गिरोह के बारे में उस समय जानकारी मिली जब असम रायफल के रायफलमैन सौरभ मिश्रा ने ईमेल के जरिए शिकायत की। 15 अप्रैल को अपनी शिकायत में सौरभ मिश्रा ने बताया कि उसके पास शेयर बाजार में निवेश के नाम पर फोन आया था, जिसमें उससे रकम तीन गुना करने की बात कही गई थी।
उनकी बातों में आकर उसने 3.78 लाख रुपये दे दिए थे लेकिन अब उनका कोई पता नहीं है। एक महीने में इन लोगों ने 368 लोगों को शिकार बनाया है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जब जांच की तो गिरोह का खुलासा हुआ। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 13 लाख नकद सहित 1 करोड़ 85 लाख की संपत्ति और गाड़ियां जब्त की गई थी।
पुलिस को इनके परिचित, रिश्तेदार आदि के 12 से ज्यादा बैंक खाते भी मिले, जिन्हें पता भी नहीं था कि उनके खातों में धोखाधड़ी की रकम आ रही है। इस गिरोह की सरगना पूजा थापा थी जो फरार चल रही थी। उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही थी, जिसके चलते पुलिस लगातार तलाश में जुटी थी।