आज दोपहर करीब 3:00 से 3:30 प्रोफ़ेसर विमुक्ता घर जाने के लिए कॉलेज की पार्किंग में खड़ी कार तक पहुंची। कार का गेट खोलकर अंदर बैठी ही थी कि, तभी एक युवक तेजी से दौड़ता हुआ वहां पहुंचा और उनके गेट लगाने के पहले पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। पल भर में यह प्रोफ़ेसर पूरी तरह से आग की चपेट में आ गई।
इस बीच युवक मौका पाकर भाग निकला आग में झुलसते हुए प्रोफेसर विमुक्ता मदद के लिए चीख-पुकार मचाने लगी। उनकी आवाज सुनकर कॉलेज स्टाफ के अन्य लोग पार्किंग में पहुंचे। बमुश्किल जैसे-तैसे आग पर काबू पाया और उन्हें तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल में ले गए।
जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर के चोइथराम अस्पताल रेफर कर दिया गया। बताते है प्रोफेसर विमुक्ता आग से लगभग 60 से 70 प्रतिशत तक झुलस गई है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वही आग लगाने वाले युवक का नाम आशुतोष श्रीवास्तव के रूप में सामने आया है।
जो कि कॉलेज का ही छात्र बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि प्रोफेसर के बयान नहीं होने के चलते आग लगाने के पुख्ता कारणों का पता नहीं चला है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है की मार्कशीट की किसी बात को लेकर आशुतोष नाराज था। मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि श्रीवास्तव पड़ोसी उज्जैन जिले का रहने वाला है और उसे हिरासत में ले लिया गया है । उन्होंने बताया, ‘‘घटना में श्रीवास्तव के भी हाथ जल गए हैं और उससे पूछताछ की जा रही है।’ छात्र पहले भी कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। उस पर चाकूबाजी की वारदात करने का भी एक मामला है। पुलिस टीम कॉलेज से साक्ष्य जुटा रही है और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है।