इंदौर: सिमरोल में नाराज छात्र ने प्रिंसिपल को लगाई आग, अस्पताल में भर्ती हालत नाजुक, आरोपी हिरासत में 

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Indore BM College News। इंदौर के सिमरोल में एक बड़ा मामला सामने आया है। एक छात्र ने घासलेट डालकर महिला प्रिंसिपल को ही जला दिया। प्रोफेसर की चीख-पुकार सुन स्टाफ ने जैसे-तैसे आग बुझाई और निजी अस्पताल ले गए। प्रोफ़ेसर की हालत नाजुक बताई जा रही है।
वही आग लगाने वाले युवक कॉलेज का छात्र बताया जा रहा है। चोखी ढाणी के पास बी एम कॉलेज ऑफ फार्मेसी है। सिमरोल थाना क्षेत्र लगने वाले इस कॉलेज में आनंद नगर की दावत की रहने वाली विमुक्ता शर्मा पति मनोज प्रोफेसर हैं।

आज दोपहर करीब 3:00 से 3:30 प्रोफ़ेसर विमुक्ता घर जाने के लिए कॉलेज की पार्किंग में खड़ी कार तक पहुंची। कार का गेट खोलकर अंदर बैठी ही थी कि, तभी एक युवक तेजी से दौड़ता हुआ वहां पहुंचा और उनके गेट लगाने के पहले पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। पल भर में यह प्रोफ़ेसर पूरी तरह से आग की चपेट में आ गई।

इस बीच युवक मौका पाकर भाग निकला आग में झुलसते हुए प्रोफेसर विमुक्ता मदद के लिए चीख-पुकार मचाने लगी। उनकी आवाज सुनकर कॉलेज स्टाफ के अन्य लोग पार्किंग में पहुंचे। बमुश्किल जैसे-तैसे आग पर काबू पाया और उन्हें तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल में ले गए।

जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर के चोइथराम अस्पताल रेफर कर दिया गया। बताते है प्रोफेसर विमुक्ता आग से लगभग 60 से 70 प्रतिशत तक झुलस गई है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वही आग लगाने वाले युवक का नाम आशुतोष श्रीवास्तव के रूप में सामने आया है।

जो कि कॉलेज का ही छात्र बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि प्रोफेसर के बयान नहीं होने के चलते आग लगाने के पुख्ता कारणों का पता नहीं चला है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है की मार्कशीट की किसी बात को लेकर आशुतोष नाराज था। मामले की जांच की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि श्रीवास्तव पड़ोसी उज्जैन जिले का रहने वाला है और उसे हिरासत में ले लिया गया है । उन्होंने बताया, ‘‘घटना में श्रीवास्तव के भी हाथ जल गए हैं और उससे पूछताछ की जा रही है।’ छात्र पहले भी कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। उस पर चाकूबाजी की वारदात करने का भी एक मामला है। पुलिस टीम कॉलेज से साक्ष्य जुटा रही है और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।