जनता पर वैक्सीनेशन के लिए नहीं हो रही सख्ती
टीकाकरण अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंदौर में अब हर दुकानदार और व्यापारिक संस्थान से यह कहा जा रहा है कि कर्मचारी और वहां आने वाले सभी लोगों को कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगे या नहीं। वह कई संस्थाओं ने भी अपने सदस्यों को इस प्रकार के पत्र लिखें हैं।
पत्र के साथ एक प्रारूप दिया गया है जिसमें टीकाकरण की जानकारी मांगी है। कलेक्टर ने भी ऐसे ही निर्देश दुकानदारों और व्यापारी संस्थान को दिए हैं। यह भी कहा है की व्यापारी संस्थाओं को अपने सदस्य दुकानदारों से जानकारी एकत्र कर एडीएम दफ्तर में जमा करवाना होगा। आश्चर्य इस बात का है कि टीकाकरण की सख्ती दुकानदारों और व्यापारी संस्थानों पर ही की जा रही है, जनता पर नहीं की जा रही है। इसलिए दूसरा डोज़ यहां तक कि कईयो ने अभी पहला डोज़ ही नहीं लगाया है। ऐसे लोगों पर जिला प्रशासन कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है।
देश में 100 करोड़ टीके के डोज लगने के बाद अब शहर के शत-प्रतिशत लोगों को टीके के दोनों डोज लग जाए, इस दिशा में कोशिश शुरू हो चुकी है। प्रशासन और व्यापारी संस्थानों ने कोरोना काल में शहर के अलग-अलग बाजारों में लगातार टीकाकरण के कैंप और अभियान चलाए थे। प्रशासन ने लाकडाउन के बाद दुकानें और बाजार खोलने की अनुमति इसी शर्त पर दी थी कि सभी दुकानदार स्वयं और अपने स्टाफ को टीका लगवाए। साथ ही दुकानों और बाजार में कोरोना से जुड़ी सावधानियों का पालन किया जाए।

 
			 
				 
			 
                                
                             
 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		