अधिवक्ता शैलेंद्र द्विवेदी के मुताबिक बाणगंगा क्षेत्र की अवैध कॉलोनी में अनिल सिसौदिया का प्लॉट है। अनिल के मित्र मनोज शर्मा ने प्लॉट बिकवाने के लिए उसकी नोटरी अनिल के जरिए अपने नाम करा ली। प्लॉट नहीं बिकने पर अनिल ने नोटरी निरस्त करने की बात कही, लेकिन मनोज आनाकानी करने लगा। केस दर्ज कर पुलिस ने असल दस्तावेज अनिल को दिला दिए। फिर मनोज ने अनिल के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 145 के तहत केस दर्ज करा दिया।
दोनों पक्षों को हाजिर होना होता है
नियमानुसार दोनों पक्षों को एसडीएम के समक्ष उपस्थित होना होता है। इसके बाद निर्णय पारित होता है। एसडीएम पराग जैन की कोर्ट में यह मामला चला। अनिल को सूचना पत्र भी नहीं मिले, 2020 की प्रोसीडिंग भी गायब थी। मनोज को सूचना पत्र नहीं मिले, लेकिन उसकी उपस्थिति हर तारीख पर दर्शाई गई। न्यायाधीश मनीष भट्ट ने एसडीएम के द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को खारिज कर दिया।