Indore News – पटाखों से बिगड़ी की सेहत – इंदौर सहित MP के इन शहरो की हवा में पिछले हफ्ते से ढाई गुना ज्यादा रहा वायु प्रदूषण

sadbhawnapaati
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शहर में दीपावली की रात जहां पूरा शहर जगमगा रहा था वहीं पिछले साल कोरोना के चलते इस बार आतिशबाजी को लेकर उत्साह चरम पर रहा। शाम को शुरू हुई आतिशबाजी देर रात तक जारी रही। अति उत्साह में लोगों ने आनंद तो भरपूर लिया लेकिन पटाखों के धुएं ने वायु प्रदूषण का काफी हद तक खराब किया। इसका असर यह रहा कि शहर में इस रात साल का सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण रहा। पिछले हफ्ते 28 अक्टूबर को जहां Air Quality Index (वायु प्रदूषण) 130 था, वहीं दीपावली की रात 4 नवम्बर को रात 11 से 1 के बीच सबसे ज्यादा 311 (करीब ढाई गुना) रहा। म.प्र. पॉल्युशन बोर्ड के पैरामीटर के लिहाज से यह लेवल Respiratory illness on prolonged exposure (लंबे समय तक सांस लेने की बीमारी) का है जो काफी घातक है।

वैसे शहर में पॉल्युशन बोर्ड ने अपने चार उपकरण लगाए हैं। इनमें से डीआईजी ऑफिस (छोटी ग्वालटोली), कोठारी मार्केट, विजय नगर व पोलोग्राउण्ड है। इनमें से डीआईजी ऑफिस वाला उपकरण मुख्य है जिसकी सेंट्रल बोर्ड द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। रात 11 से 1 के बीच यहां 311 वायु प्रदूषण दर्ज किया जबकि बाकी तीन स्थानों पर लगे सिस्टम से स्थानीय पॉल्युशन बोर्ड के अधिकारियों ने शुक्रवार रात तक अपडेट नहीं लिया था।

पिछले हफ्ते की स्थिति

(Air Quality Index)

    • 28 अक्टूबर को 130
    • 29 अक्टूबर को 145
    • 30 अक्टूबर को 144
    • 31 अक्टूबर को 145
    • 1 नवम्बर को 212
    • 2 नवम्बर को 174
    • 3 नवम्बर को 165
    • 4 नवम्बर को 311 (रात 11 से 1 के बीच)
  • मध्य प्रदेश के अन्य शहरों के ये रहे हाल
    • मध्य प्रदेश में भी दीपावली पर जमकर चले पटाखों का असर देखने को मिल रहा है. प्रदेश के कई शहरों की हवा खराब हुई है. सबसे ज्यादा हवा ग्वालियर शहर की खराब हुई है. रात में थोड़े पटाखों के कारण शहर की एयर क्वालिटी ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. ग्वालियर के सीटी सेंटर में  एयर क्वालिटी इंडेक्स  332 स्तर पर पहुंच गया.
इंदौर में एयर क्वालिटी एनडेक्स 211 पर दर्ज की गई. जबलपुर में 156 पर दर्ज हुई. जबकि राजधानी भोपाल का एयर क्वालिटी एनडेक्स कल देर रात तक 221 था. जो अब  घटकर 149 पर पहुंच गया. इस तरह कहा जा सकता है कि अन्य शहरों की अपेक्षा भोपाल की हवा थोड़ी बेहतर हैं. हालांकि राजधानी में भी पटाखों से प्रदूषण का असर देखने को मिला है.
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