साल 2020 में लगाई गई थी रोक, जून 2024 तक खंड को खोलने का लक्ष्य निर्धारित
इंदौर। पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के दाहोद-इंदौर वाया सरदारपुर-झाबुआ-धार 204.76 किमी लंबी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड ने पुन: शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
इस प्रोजेक्ट पर वर्ष 2020 में रोक लगाई गई थी। अब इसे शीघ्रता से पूर्ण किया जाएगा। इससे इंदौर जैसे बड़े शहर से आदिवासी बहुल क्षेत्र का रेल लाइन के माध्यम से संपर्क हो सकेगा। साथ ही इस क्षेत्र का सामाजिक व आर्थिक विकास भी हो सकेगा।
रतलाम मंडल के अनुसार इस प्रोजेक्ट को रेल मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2007-08 में 678.54 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया था तथा जून 2012 में रेलवे बोर्ड द्वारा विस्तृत आकलन के साथ 1640.04 करोड़ स्वीकृत किया गया।
इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 204.76 किमी है। इसमें 21 किमी गुजरात तथा शेष 183.76 किमी मध्य प्रदेश में पड़ता है।
प्रोजेक्ट का दो खंडों इंदौर-राऊ 12 किमी व राऊ-टीही 09 किमी का काम क्रमश: जून 2016 व मार्च 2017 में कार्य पूरा होकर 21 किमी खंड कमिशन हो चुका है। वर्ष 2020 में इस प्रोजेक्ट को रोका गया था तथा मई 2020 से कार्य को बंद कर दिया गया था।
टेंडर की प्रक्रिया
प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड द्वारा दिसंबर 2021 में पुन: शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई है।
प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड द्वारा दिसंबर 2021 में पुन: शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई है।
जिस समय इस प्रोजेक्ट को रोका गया था, उस समय सिविल इंजीनियरिंग कार्य जैसे टनल निर्माण, छोटे-बड़े ब्रिज का निर्माण आदि कार्य जो प्रक्रियाधीन थे। उक्त सभी कार्यों को बंद कर दिया गया था।
वर्तमान में रेलवे लाइन के लिए इंदौर से धार जिला के सरदारपुर तक 106.46 किमी तथा झाबुआ से दाहोद तक 23.6 किमी भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है।
टीही तथा धार के मध्य 46.6 किमी खंड के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है तथा इस खंड को जून 2024 तक खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यह प्रोजेक्ट इंदौर-वड़ोदरा के बीच अतिरिक्त रेल मार्ग व अत्यधिक व्यस्त राजधानी रेल मार्ग नागदा-दाहोद खंड में रेल मार्ग की व्यस्तता को कम करने में सुविधा होगी।
इस रेल मार्ग के कारण आदिवासी बहुल इस पूरे क्षेत्र का बहुआयामी विकास होगा, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलेगा। पीथमपुर, इंदौर के पास काफी विकसित औद्योगिक क्षेत्र है।
रेल मार्ग को पूरा हो जाने पर इसका सीधा संपर्क देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई के साथ हो जाएगा तथा यह मार्ग इंदौर-उज्जैन-रतलाम-दाहोद रेल मार्ग से छोटा भी होगा।
यह प्रोजेक्ट गुजरात के दाहोद जिला तथा मध्य प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, धार व झाबुआ से होकर गुजरेगा।