Indore News – बाल देखरेख संस्थानों में निवासरतों की पहचान सार्वजनिक करना अपराध

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

छः माह की कैद और 2 लाख रुपये तक जुर्माना का दंड

Indore News: बाल देखरेख संस्थानों में निवासरत बच्चों की पहचान सार्वजनिक नहीं करें। उनकी पहचान सार्वजनिक करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों को 6 माह की जेल और 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का अधिनियम में प्रावधान है। कि जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक ने बताया कि किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 41 (2) के तहत बाल देखरेख संप्रेक्षण गृह संचालित किये जा रहे है। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 74 के अन्तर्गत बाल देखरेख संस्थानों में निवासरत बालकों की पहचान सार्वजनिक न की जाये। धारा 74 के अनुसार किसी जांच या अन्वेषण या न्यायिक प्रक्रिया के संबंध में किसी समाचार पत्र, पत्रिका, न्यू-सीट या श्रव्य-दृश्य माध्यम या संचार के किसी अन्य रूप में किसी रिपोर्ट में ऐसा नाम, पते या विद्यालय या किसी अन्य विशिष्ट को प्रकट न करें। जिससे कि विधि के विरोध में किसी बालक या देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता में किसी बालक या बाल पीड़ित व्यक्ति या किसी साक्षी, जो तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन ऐसे मामले में शामिल है न ही पहचान प्रकट हो सकती है और न ही ऐसे बालक का कोई चित्र प्रकाशित किया जाये।

उन्होंने बताया कि उपधारा (1) के उपबंधों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को छह माह तक का कारावास हो सकेगा एवं दो लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से, दण्डित किया जायेगा। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 74 के परिपालन में बाल देखरेख संस्थानों में निवासरत बालकों की पहचान सार्वजनिक न किया जायें।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।