इंदौर की छात्रा ने हाथ की नस काटकर की आत्महत्या : लिखा जीते जी तो तुम्हारी नहीं हो पाई, मरने के बाद तुम्हारा हक है

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sadbhawnapaati
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इंदौर क्राइम.  विवाहित व्यापारी के प्यार में पड़ी एक युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने अपने हाथ की नस काटकर खून से सुसाइड नोट लिखा, जिसमें जिक्र किया कि-जीते जी तो तुम्हारी नहीं हो पाई, मरने के बाद तुम्हारा हक है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

घटना शहर के नगीन नगर की है। यहां रहने वाली शिवानी तंवर (23) ने शनिवार शाम को आत्महत्या कर ली। कमरे में खून बिखरा था और शिवानी  फंदे से लटकी हुई ती। हाथ पर और गले पर ब्लेड से काटने के निशान हैं। गले में फांसी के फंदे के निशान भी मिले हैं।

शिवानी स्नातक अंतिम वर्ष की छात्रा थी। पिता निजी कंपनी में नौकरी करते हैं और भाई की भी नौकरी है। उसकी मां रानीबाई ने शनिवार शाम को शिवानी को खून से लथपथ देखा था। बेटी को देखकर मां की चीख निकल गई। पिता व भाई को सूचना दी।
उसे पास के अस्पताल लेकर गए लेकन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस को सूचना मिली तो मौके पर पहुंची। जिस कमरे में शिवानी ने आत्महत्या की वहां से सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था कि ‘अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रही हूं। आई लव यू दीपक। जीते जी तो तुम्हारी नहीं हो पाई हूं।
मरने के बाद तुम्हारा हक है। मेरे मां पापा बहुत अच्छे हैं। छोटा भाई धीरज मुझसे बहुत प्यार करता है। दीपक पहले से शादीशुदा है। मैं तुमसे शादी करना चाहती थी। तुम्हारी नहीं हो पाई।
अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रही हूं। बताया जा रहा है कि जिस व्यापारी का शिवानी ने जिक्र किया है वह पहले से ही शादीशुदा है।

डेढ़ माह पहले हुई थी सगाई 

शिवानी के पिता ने पुलिस को बताया कि जयश्री नगर में रहने वाला दीपक नाम का लड़का बेटी को परेशान करता था। एक बार शिवानी के भाई धीरज और उन्होंने समझाया भी था।
लेकिन दीपक उसके बाद भी नहीं माना। दीपक से ही परेशान होकर बेटी ने जान दी है। शिवानी की डेढ़ माह पहले सगाई हुई थी। उसकी शादी की तारीख निकलने वाली थी। बेटी इस बात से खुश थी।
घर में मिली संदिग्ध परिस्थितियों को लेकर परिवार ने किसी के घर में आने के बाद हत्या की बात कही है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।