आईटी का बड़ा हब बनने की दिशा में इन्दौर ने लगाई बड़ी छलांग

sadbhawnapaati
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* आईटी/आईटीईएस कंपनियों द्वारा 800 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश 
* आईटी निर्यात में 51.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज 

इन्दौर। राज्य शासन द्वारा आईटी के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में उपलब्ध कराये जा रहे संसाधन, सुविधाओं और अनुकुल वातावरण के परिणामस्वरुप इन्दौर आईटी का बड़ा हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विकास की इस रफ्तार को कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन से भी कोई अधिक विपरित प्रभाव नहीं पड़ा है। आईटी का बड़ा हब बनने की दिशा में इन्दौर ने वर्ष 2020-21 और 2021-22 में हुए उल्लेखनीय कार्यों से एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।
म.प्र. इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के महाप्रबंधक द्वारकेश सराफ ने बताया कि इन्दौर में दस हजार आईटी/आईटीईएस पेशेवरों से 40500 तक बड़े पैमाने पर रोजगार वृद्धि के साथ इन्दौर ने लॉकडाउन के दौरान विकास में एक बड़ी छलांग लगाई है। आत्मनिर्भर भारत एवं आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की अपनी यात्रा में इन्दौर ने कई मील के पत्थर हासिल किए गये हैं।
इन्दौर कई बड़े स्टार्टअप की जन्मस्थली भी बने  इसके लिए सिंहासा आईटी पार्क को को स्टार्टअप के हब के तौर पर निर्मित किया गया है | इस आई टी पार्क की लगभग सारी भूमि आई टी को आवंटित की जा चुकी हैं। जल्द ही इन्दौर का यह पश्चिम क्षेत्र एक बड़ा आईटी हब के रूप में  उभरेगा।
इन्दौर में 4 एसईजेड इकाइयों से एक हजार 161 करोड़ रुपये के आईटी निर्यात ने वित्त वर्ष 2020-21 में सालाना आधार पर 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 की अवधि के लिए निर्यात में एक हजार 761 करोड़ रुपये के आईटी निर्यात में 51.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान गैर-एसईजेड से आईटी निर्यात एसटीपीआई के साथ पंजीकृत इकाइयों से 873.17 करोड़ रुपये रहा। इन्दौर में आईटी/आईटीईएस कंपनियों द्वारा 800 करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश किया गया है।
आईटी/आईटीईएस कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7 करोड़ 62 लाख रूपये और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11 करोड़ 58 लाख रूपये का प्रोत्साहन लॉकडाउन के बावजूद दिया गया है।
अप्रैल 2014 से अब तक लगभग 40 करोड़ रूपये का कुल प्रोत्साहन दिया जा चुका है। इससे उन्हें लॉकडाउन के दौरान पूंजी के मुद्दों को पाटने में मदद मिली। सिंहासा आईटी पार्क इन्दौर में 112 एकड़ में से 100 एकड़ पहले ही आवंटित की जा चुकी है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनेक कंपनियां मध्य प्रदेश के विकास गाथा का हिस्सा बनने की इच्छुक हैं। जल्द ही बहुत सी  बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने कार्यस्थल इन्दौर में खोलेगी।
सस्ते दर पर बिजली और कुशल निपुण युवाओं की बहुतायत कंपनियों को इन्दौर की तरफ आकर्षित करती हैं। इन्दौर जैसे TIER-2 शहरों के लिए मध्य भारत का आईटी/आईटीईएस हब बनने के लिए यह एक सुनहरा मौका है।

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