राजा की बहन श्रृष्टि रघुवंशी का असंवेदनशील चेहरा, भाई की मौत पर इंस्टाग्राम रील्स की सनक

devendra malviya
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भारतीय समाज में रिश्तों की गरिमा और पारिवारिक मूल्यों का विशेष महत्व है। जब कोई परिवार अपने प्रियजन की क्रूर हत्या का शोक मना रहा हो, तो उस समय संवेदनशीलता और संयम की अपेक्षा की जाती है। लेकिन राजा रघुवंशी हत्याकांड ने न केवल सोनम रघुवंशी के विश्वासघात को उजागर किया, बल्कि राजा की बहन श्रृष्टि रघुवंशी के व्यवहार ने भी समाज को हैरान कर दिया। अपने भाई की दर्दनाक मौत के बाद, जब पूरा परिवार और समाज शोक में डूबा था, श्रृष्टि इंस्टाग्राम पर रील्स बनाकर व्यूज और पेड प्रमोशन्स की दौड़ में व्यस्त थी। इस त्रासदी ने राजा के परिवार को तोड़ दिया। उनकी मां उमा रघुवंशी ने बताया कि सोनम ने राजा को जबरन मेघालय ले जाने की जिद की थी। यह दुखद घटना समाज के लिए एक झटका थी, लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला था राजा की बहन श्रृष्टि रघुवंशी का व्यवहार।

श्रृष्टि रघुवंशी, एक यूट्यूब एवं इंस्टाग्राम इन्फ्लूएंसर जिनके 366,000 फॉलोअर्स हैं, अपने भाई की मौत के बाद भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहीं। जबकि राजा लापता था और उसका शव खोजा जा रहा था, श्रृष्टि इंस्टाग्राम पर पेड प्रमोशन्स और रील्स पोस्ट करने में व्यस्त थी, और उसकी मृत्यु के बाद भी सक्रीय रही। यह असंवेदनशीलता न केवल उनके परिवार के दर्द को कमतर करती है, बल्कि समाज के सामने एक गलत उदाहरण भी पेश करती है। कई यूजर्स ने श्रृष्टि के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की है।

श्रृष्टि का यह व्यवहार सामाजिक ताने-बाने का अपमान है। जब आपका भाई इतने क्रूर तरीके से मारा गया हो, और आपका परिवार शोक में डूबा हो, तो क्या इंस्टाग्राम यूट्यूब की रील्स इतनी महत्वपूर्ण हो सकती हैं? श्रृष्टि ने न केवल अपने भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया, बल्कि समाज के सामने यह संदेश भी दिया कि व्यक्तिगत स्वार्थ और सोशल मीडिया की लोकप्रियता परिवार और रिश्तों से ऊपर है।

उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल (@shrasti_raghuwansh) पर पोस्ट की गई रील्स और पेड प्रमोशन्स इस बात का सबूत हैं कि उन्होंने अपने भाई की त्रासदी को भी की किस रूप में देखा। यह अगले स्तर का पागलपन नहीं, बल्कि संवेदनशीलता की कमी और नैतिक पतन का प्रतीक है।

इंसाफ की गुहार या दिखावा?

श्रृष्टि ने अपने भाई के लिए इंसाफ की मांग करते हुए कुछ इंस्टाग्राम रील्स और पोस्ट्स शेयर किए, जिनमें वह भावुक नजर आती हैं। लेकिन इन पोस्ट्स के साथ-साथ उनके पेड प्रमोशन्स और ब्रांड कॉलेबोरेशन्स ने उनके इरादों पर सवाल उठाए। क्या यह इंसाफ की गुहार थी, या फिर सोशल मीडिया पर सहानुभूति और व्यूज बटोरने का एक तरीका?

राजा रघुवंशी हत्याकांड एक दुखद घटना है, जिसने न केवल सोनम रघुवंशी के विश्वासघात को उजागर किया, बल्कि श्रृष्टि रघुवंशी के असंवेदनशील व्यवहार को भी सामने लाया। अपने भाई की क्रूर हत्या के बाद भी इंस्टाग्राम पर रील्स और पेड प्रमोशन्स में व्यस्त रहना न केवल नैतिक पतन को दर्शाता है, बल्कि समाज के सामने एक गलत उदाहरण भी पेश करता है। श्रृष्टि का यह व्यवहार अगले स्तर का पागलपन नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और मानवता की कमी का प्रतीक है। समाज को ऐसे इन्फ्लूएंसर्स से सावधान रहने की जरूरत है, जो रिश्तों और नैतिकता को ताक पर रखकर केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति में लगे हैं। यह समय है कि हम रिश्तों की गरिमा और संवेदनशीलता को फिर से महत्व दें, ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएं दोबारा न हों।

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