गुरुवार रात से जारी मूसलधार वर्षा के कारण पूरा इटारसी शहर बाढ़ की चपेट में आ गया। नदी मोहल्ला, पुरानी इटारसी, नाला मोहल्ला समेत निचले इलाके जलमग्न हो गए, नदी मोहल्ला में कई परिवार बाढ़ के पानी में घिर गए।
पानी का बहाव इतना तेज था कि बाढ़ में फसे परिवारों के लिए जिला प्रशासन को राहत बचाव दल भेजना पड़ा। होमगार्ड की नाव में रस्सियां बांधकर प्रभावित परिवारों को बाहर निकाला गया। तवा बांध के गेट खुलने के बाद निचले इलाकों में हाइअलर्ट कर दिया गया है, नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ने की संभावना है
तवा बांध के नौ गेट खोले
बांध के कैचमेंट एरिया पचमढ़ी, बैतूल, छिंदवाड़ा, सारणी में जारी वर्षा के कारण गुरूवार रात से तवा का जलस्तर बढ़ने लगा था। अलार्मिंग लेबल पार होते ही सुबह तवा से छोड़ा जा रहा पानी। 3015 क्यूमेक्स से बढ़ाकर 3949 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।
बांध के 9 गेट 10-10 फीट की ऊंचाई पर खोले गए हैं। सुबह 7 बजे से 10 गेट 7-7 फीट तक खोले गए थे, लेकिन जलस्तर बढ़ने के कारण गेट की ऊंचाई बढ़ाई गई।
पिछले 24 घंटे में इटारसी तहसील में 200 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है। तवा बांध में पानी की आवक 5211 क्यूमेक्स है, बांध का जलस्तर गवर्निंग लेबल से ऊपर होने से सुबह 5:30 बजे पहले 7 गेट 7-7 फीट खोले गए थे।
कलेक्टर-विधायक ने लिया जायजा
रात में गहरी नींद में डूबे लोग जब सुबह जागे तो शहर किसी समुद्री टापू की तरह नजर आया। बाढ़ की खबर पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, विधायक डा. सीतासरन शर्मा, एसडीओपी महेन्द्र सिंह चौहान, सीएमओ हेमेश्वरी पटले, टीआइ रामसनेही चौहान फील्ड पर उतरे।
नदी मोहल्ले में कई परिवार बाढ़ से घिरे हुए थे, कई लोगों ने छत पर जाकर अपनी जान बचाई। होमगार्ड की टीम ने आकर नाव के सहारे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
अभी तक किसी तरह की जनहानि की खबर नहीं है। पहाड़ी इलाके में लगातार जारी वर्षा के कारण जलस्तर उतरने में समय लग सकता है। इधर मेहरागांव-न्यूयार्ड रेलवे पुल के आसपास का पूरा इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया।
रेलवे ट्रेक और पुल से कुछ फीट दूरी तक पानी पहुंच गया है। सभी पुल-पुलिया पर सुरक्षा को देखते हुए आरपीएफ-जीआरपी जवानों को तैनात किया गया है।

