बीई और बीटेक में दाखिले के लिए अब नहीं रहेगी जेईई मेन की अनिवार्यता- एआईसीटीई

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एआईसीटीई ने इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों और राज्यों को पत्र लिखा है। इसमें इंजीनियरिंग प्रोग्राम के डिप्लोमा धारक, बीएससी डिग्री और इस क्षेत्र में वोकेशनल डिप्लोमा वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं।
 Education News. इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए अब जेईई-मेन की अनिवार्यता नहीं रहेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) आगामी शैक्षणिक सत्र से बीटेक और बीई प्रोग्राम में दूसरे वर्ष से लेटरल एंट्री से दाखिले की सुविधा शुरू करने जा रही है।

एआईसीटीई ने इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों और राज्यों को पत्र लिखा है। इसमें इंजीनियरिंग प्रोग्राम के डिप्लोमा धारक, बीएससी डिग्री और इस क्षेत्र में वोकेशनल डिप्लोमा वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं।

एआईसीटीई के एडवाइजर डॉ. रमेश उन्नीकृष्णन द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बीटेक और बीई के दूसरे वर्ष में अब लेटरल एंट्री से दाखिला दिया जा सकता है। एआईसीटीई ने दाखिला पात्रता और नियम भी तय किए हैं। इसमें तीन स्तर पर दाखिला पात्रता तय की गई है। यहां बीटेक और बीई प्रोग्राम में दाखिले के लिए बैचलर ऑफ वोकेशनल को डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग और बीएससी डिग्री को उसके समकक्ष माना जाएगा।

ये है पात्रता स्तर

    • दो या तीन वर्षीय डिप्लोमा धारक छात्र इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की किसी भी ब्रांच में दाखिला ले सकते हैं। इसमें सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 45 फीसदी अंक और एससी व एसटी वर्ग के छात्रों के 40 फीसदी अंक होने जरूरी होंगे।
    • बीएससी डिग्री वाले छात्र भी लेटरल एंट्री के माध्यम से दाखिला ले सकते हैं। हालांकि बीएससी डिग्री (45 फीसदी अंक) के साथ-साथ 12वीं कक्षा में गणित विषय की पढ़ाई होनी अनिवार्य है। इसमें भी एससी व एसटी वर्ग के छात्रों के लिए 40 फीसदी अंक होने जरूरी है।
  • इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वोकेशनल डिप्लोमा वाले छात्रों को भी लेटरल एंट्री से दाखिला का मौका मिलेगा। इसमें विश्वविद्यालयों को बाद में इन छात्रों के लिए ब्रिज कोर्स करवाने की व्यवस्था करनी होगी। इसमें मैथमेटिक्स, फिजिक्स, इंजीनियरिंग, ड्राइंग आदि पर विशेष कोचिंग या तैयारी करवानी होगी ताकि वे सामान्य छात्रों के साथ पाठ्यक्रम को अच्छे से समझ सकें।
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