जूडा हड़ताल : इंदौर में स्वास्थ्य सेवाएं हुई प्रभावित, 500 डॉक्टर नहीं आए काम पर

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sadbhawnapaati
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एक माह में दूसरी बार जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। अपनी 6 सूत्रीय मांगों पर सरकार द्वारा लिखित आश्वासन नहीं मिलने के बाद यह कदम उठाया है।
जूनियर डॉक्टर एसो. इंदौर के अध्यक्ष डॉ. प्रखर चौधरी ने बताया कि 6 मई को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन एमपी द्वारा प्रदेशव्यापी 6 सूत्री मांगें रखी गई थी और उनको न मानने पर विवश होकर हड़ताल करनी पड़ी थी। इन चीजों पर ध्यान देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने एसीएस हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर और सारे अधिष्ठाता की सर्वसम्मति के साथ हमें वादा किया था कि आपकी मांगें मानी जाएंगी। इसलिए हमने उस समय हड़ताल समाप्त कर दी थी, लेकिन अभी तक हमें कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है। आज से इंदौर के लगभग 500 जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं आए, जिससे एमवाय अस्पताल (MY Hospital) की ओपीडी सहित अन्य व्यवस्थाएं चरमरा गईं। उन्होंने कहा कि आज से हमने सभी इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी हैं और फिर भी कोई उचित कार्रवाई नहीं होती है तो आगे विवशतावश कोविड का उपचार भी बंद करना पड़ सकता है।

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जूडा की ये है प्रमुख मांगें
1. हमारी स्टायपंड (Stipend) में 24 प्रतिशत बढ़ोतरी करके 55000 से बढ़ाकर 68200 एवं 57000 से बढ़ाकर 70680 एवं 59000 से बढ़ाकर 73160 कर दिया जाएगा।
2. हमें हर साल वार्षिक 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हमारे बेसिक स्टायपंड (Stipend) पर दी जाएगी।
3. पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बांड को कोविड की ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इस पर विचार करके अपना फैसला जल्द से जल्द सुनाएगी, जिसमें जेडीए के प्रतिनिधि भी होंगे।
4. कोविड ड्यूटी में कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजेटेड सर्टिफिकेट मिलेगा जो आगे उसको सरकारी नौकरी में फायदा प्रदान करेगा।
5. समस्त जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor)  जो कि कोविड में काम कर रहे हैं उनके और उनके परिवार के लिए अस्पताल में अलग से एक एरिया और बेड रिजर्व किया जाएगा एवं उनके उपचार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। उस समय मौजूद सारे उचित उपचार उनके लिए मुहैया फ्री ऑफ कॉस्ट कराया जाएगा।
6. जितने जूनियर डॉक्टर कोविड ड्यूटी में कार्यरत हैं उनका अधिक कार्यभार देखते हुए उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।