ग्वालियर में स्वच्छता दूतों के सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सफाईकर्मियों का दिल जीत लिया. जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित स्वच्छता दूत सम्मान समारोह का शुभारंभ करने के लिए सिंधिया मंच पर पहुंचे. सामने बैठे सफाईकर्मियों को देखा तो सिंधिया शुभारंभ करने से पहले ही मंच से उतरकर नीचे गए और भीड़ से बबीता नाम की महिला सफाई कर्मी को हाथ पकड़कर मंच पर ले आए. सिंधिया ने बबीता से ही मां सरस्वती का पूजन कराया और स्वच्छता दूध सम्मान समारोह का विधिवत शुभारंभ कराया. इतना ही नहीं सिंधिया ने बबीता को मंच पर ही अपने बराबर कुर्सी पर अतिथि के तौर पर बैठाया. वहीं, जब सम्मान की बारी आई तो सिंधिया ने बबीता को अपने हाथों से टोपी पहनाई, माला पहनाई और उनके पैर छूकर सम्मानित किया.
सिंधिया बोले सफाई के देवता के पैर छूना हमारा धर्म
बबीता के साथ ही नगर निगम के सैकड़ों स्वच्छता दूतों को सम्मानित करने के बाद सिंधिया ने कहा कि सफाईकर्मी स्वच्छता दूत ही नहीं हमारे लिए देवता हैं. सिंधिया ने कहा कि महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्शों पर चलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया. मोदी जी के सपने को हमारे स्वच्छता दूत साकार कर रहे हैं. हमारे लिए स्वच्छता देवता है. इनके चरण छूना हमारा धर्म है. सिंधिया की सहजता को देख सफाई कर्मी भी गदगद हो गए. बबीता ने कहा कि उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि कोई उन्हें इतना सम्मान भी देगा.
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आए तो महज दो साल के अंदर ही उनमें काफी बदलाव आया है. सिंधिया अब महाराज की छवि से बाहर निकल रहे हैं. सिंधिया कभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को अपने हाथों से भोजन कराते हैं, तो उनके बीच बैठकर भोजन करते हैं. पिछले दौरे में हजीरा अस्पताल में खुद को न पहचानने के चलते सिंधिया ने खुद एक बुजुर्ग को गले लगाया था. स्वच्छता का संदेश देने के लिए सिंधिया ने खुद हाथ मे झाडू लेकर सड़क की सफाई की थी. इसी महीने ग्वालियर में सड़क किनारे कुम्हार की दुकान पर बैठकर सिंधिया ने दीये बनाए थे.