Kartik के कप्तानी से हटने पर Pathan ने कहा, सीजन के बीच में कप्तानी में बदलाव टीम के लिए बेहतर नहीं

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sadbhawnapaati
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भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने कोलकाता (Kolkata) नाइड राइडर्स की कप्तानी छोड़ दी हैं. कार्तिक के फैसले ने सभी को चौंका दिया है. उधर सोशल मीडिया (Media) में भी इस लेकर खासी बहस छिड़ी हुई है. कोई फैसले को सही समय पर लिया गया, सही फैसला बता रहा है,तब कोई कह रहा है कि कार्तिक केकेआर की नैय्या मझधार में फंसाकर निकल गए. भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया देकर लिखा है कि सीजन के बीच में कप्तानी में बदलाव होने से टीम के सदस्यों के लिए कभी भी आरामदायक स्थिति नहीं होती है. आशा है कि केकेआर की टीम यहां से नहीं भटगेगी. वे प्लेऑफ की दौड़ में बहुत आगे हैं! भारतीय महिला टीम की पूर्व खिलाड़ी रीमा मल्होत्रा का कहना है कि केकेआर की कप्तानी इयोन मॉर्गन को दिए जाने की खूब चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन सीजन के मिड सीजन में ऐसा क्यों.

कोई बात नहीं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे केकेआर यहां से कैसे आगे बढ़ती है और दिनेश कार्तिक के पास बल्लेबाज के रूप में बहुत कुछ है करने के लिए. क्रिकेट जानकार रौनक कपूर का कहना है कि ईमानदारी से मेरे लिए ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. बहुत अच्छा फैसला. मॉर्गन को कप्तानी का अनुभव है. दिनेश कार्तिक को अब खुलकर बल्लेबाजी करनी चाहिए. क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एक टीवी शो का लिंक शेयर करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि जो मैं 4 अक्टूबर को सोच रहा था वहां सच साबित हुआ. टीम के सीईओ वेंकी मैसूर ने कहा, ‘हम खुशकिस्मत हैं कि हमें डीके (दिनेश कार्तिक) जैसा नेतृत्वकर्ता मिला, जिन्होंने हमेशा टीम को पहले रखा. किसी के लिए भी इस तरह का फैसला लेना काफी मुश्किल होता है. हम खुद भी उनके इस फैसले से हैरान हैं, लेकिन उनकी इच्छाओं का सम्मान करते हैं.’

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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