जानें क्या है मतलब होता है इन स्वप्नों का

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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जो व्यक्ति स्वप्न में शेर, हाथी, घोड़े या सफेद रंग के बैलों से खींचे जा रहे रथ पर सवारी करता है, वह राज पद प्राप्त करता है।
स्वप्न में जिसका मस्तिष्क किसी और के द्वारा काटा जाता है या जो किसी और का मस्तक काटता है, उसे राज पद प्राप्त होता है।
यदि किसी व्यक्ति की जीभ स्वप्न में कटी हुई दिखती है तो वह मंत्री हो तो मुख्यमंत्री और संसद सदस्य हो तो मंत्री होता है अथवा प्रशासनिक अधिकारी चुना जाता है। जो व्यक्ति स्वप्न में वमन अथवा विष्ठा को खाता है और ऐसा होने पर भी जो स्वप्न से घृणा नहीं करता, वह राजपद प्राप्त करता है।
जो व्यक्ति स्वप्न में कमल के पत्ते पर बैठ कर खीर खाता है तो राज्य लाभ प्राप्त होता है।
जो स्वप्न में विजय अथवा शत्रुओं की पराजय देखता है, वह राजपद प्राप्त करता है।
जो स्वप्न में स्वयं की जीभ पर कुछ लिखता है अथवा दूसरे की जीभ पर लिखता है, उसे विद्या प्राप्ति अथवा राजपद का लाभ होता है।
जो व्यक्ति स्वप्न में घोड़े पर सवार होकर दूध अथवा पानी पीता है, उसे राजपद प्राप्त होता है।

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जो स्वप्न में पहले राजा होता है, फिर चोर बन जाता है और फिर राजा हो जाता है, ऐसा स्वप्न देखने पर निश्चय ही राज्य में उच्च पद प्राप्त होता है।
स्वप्न में जो व्यक्ति सफेद बैल या बैल जुते रथ पर सवार होकर पूर्व अथवा उत्तर दिशा में जाता है, वह निश्चय ही राजपद प्राप्त करता है।
जो व्यक्ति स्वप्न में किसी गांव अथवा नगर को घेरता है, वह ग्राम प्रमुख अथवा राज्य मंत्री परिषद् में स्थान प्राप्त करता है।
जो स्वप्न में कानों में कुंडल, माथे पर मुकुट और गले में मोतियों का हार पहनता है, वह निश्चय ही राजपद प्राप्त करता है।
जिस व्यक्ति को स्वप्न में अपने घर में कमल के फूल खिले हुए दिखें और जो उनको अंजुलि में भर-भरकर एकत्रित करता दिखे, वह राज्य में उच्च पद प्राप्त करता है।
स्वप्न में जो व्यक्ति गाय, बैल, हाथी या पक्षी पर सवार होकर अथवा किसी महल की छत पर या पहाड़ पर बैठ कर समुद्र पान करता है, वह राजपद प्राप्त करता है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।