इंदौर । लॉक डाउन के साथ ही अब फिर से अगले महीने से कामकाज की शुरुआत हो सकती है लेकिन इसी कड़ी में बड़े पैमाने पर डीसीआर सेल में अटके नक्शो का भी निराकरण होने की प्रबल संभावना है । हालांकि इसमें यह भी निर्णय लिया जा सकता है कि नई बिल्डिंग की अनुमति के दौरान वाटर हार्वेस्टिंग के साथ-साथ सोलर प्लांट भी लगाया जा सकता है।
बताया जाता है कि शहर में नई बिल्डिंग के निर्माण की अनुमति के मामले में जल्द ही एक सोलर पैनल अनिवार्य का नया आदेश जारी होने वाला है। इसके लिए पिछले दिनों नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा भी कुछ दिशा निर्देश जारी कर दिए थे। अब तीन मंजिला या उससे अधिक ऊंचाई इमारत की मंजूरी में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो अभी अनिवार्य है लेकिन सोलर पैनल लगवाना भी अनिवार्य होगा। शहर में सरकारी और निजी बिल्डिंग पर सोलर पैनल लगाने का प्रोजेक्ट का काम एक तरह से ठप हो गया है, क्योंकि यह पहले अनिवार्य तो नहीं था परंतु कई सरकारी व गैर सरकारी बिल्डिंगों में सोलर पैनल सौर ऊर्जा लगाना शुरू भी हो गया था ।
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सरकार की ओर से भी इसका लक्ष्य दिया गया था लेकिन शहर के अधिकतर सरकारी भवनों में तो सोलर पैनल लगे और नगर निगम की छत पर भी सोलर पैनल लगाने का काम है लेकिन सरकारी बिल्डिंगों का अलावा प्राइवेट भवनों की अनुमति के लिए जब बिल्डिंग परमिशन शाखा द्वारा आदेश जारी किए जाते हैं तो उसमें यह अनिवार्य किया होगा। इसको लेकर पिछले दिनों नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्त और वर्तमान दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य के साथ-साथ निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल व अन्य अफसरों की बैठक हुई थी परंतु लॉकडाउन के चलते यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। अभी की स्थिति में नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा में बड़े पैमाने पर कई नक्शे अटके हुए हैं और जो नई बिल्डिंग के नक्शे स्वीकृत होंगे उसमें यह अनिवार्य किया जा रहा है। इससे बिजली की बचत भी होगी और सौर ऊर्जा से बिजली मिलेगी और लाभ होने के आसार हैं।
बिल्डिंग परमिशन शाखा के सिटी प्लानर विष्णु खरे ने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग तो सभी बिल्डिंग में मकानों के लिए अनिवार्य है लेकिन सौर ऊर्जा के अभी आदेश हमारे पास नहीं आए हैं और अगर आदेश आते हैं तो हम लोग पालन करवाएंगे और इसके बाद ही नक्शे मंजूर हो सकेंगे यह निर्देश भी हम देंगे। फिलहाल इसकी पूरी जानकारी मुझे नहीं है।
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