Latest news : पत्रकार दानिश की मौत से तालिबान का इनकार, दुख जताकर बोला-वॉर जोन में बताकर आएं 

sadbhawnapaati
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दिल्ली | अफगानिस्तान में हुई भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत पर तालिबान ने पर दुख जताया और कहा है कि इस घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है. सिद्दीकी के पार्थिव शरीर को स्थानीय समयानुसार शाम करीब 5 बजे इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस को (ICRC) सौंप दिया गया है. कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में हुई झड़पों के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, ‘हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि किसकी गोलीबारी में पत्रकार की मौत हुई. हम नहीं जानते उनकी मौत कैसे हुई.’ मुजाहिद ने कहा, ‘युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर रहे किसी भी पत्रकार को हमें सूचित करना चाहिए. हम उस व्यक्ति का खास ध्यान रखेंगे.’

सिद्दीकी की मौत पर दुख जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत के लिए खेद है.’ साथ ही मुजाहिद ने बताया, ‘हमें दुख है कि पत्रकार बगैर हमें जानकारी दिए युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं.’पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार सिद्दीकी समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ काम करते हैं. वे प्रांत में जारी हालात को कवर कर रहे थे. यहां तालिबान ने पाकिस्तान से लगी प्रमुख सीमा पर कब्जा कर लिया था. इस सीमा क्षेत्र को दोबारा हासिल करने की कोशिश में शुक्रवार को अफगान बलों और तालिबान के लड़ाकों के बीच स्पिन बोल्डक में झड़प हुई.

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घटनास्थल पर मौजूद AFP के संवाददाताओं ने जानकारी दी कि रात भर हुई लड़ाई के बाद तालिबान के घायल लड़ाकों का इलाज पाकिस्तान की सीमा से लगे अस्पतालों में किया जा रहा है. बुधवार को तालिबान के कब्जे में आए स्पिन बोल्डक के रहवासियों ने बताया कि तालिबान और सेना के सीमावर्ती शहर के मुख्य बाजार में जंग कर रहे थे. मोहम्मद जहीर ने बताया, ‘काफी भारी लड़ाई चल रही है.’

सीमा पार पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सीधी पहुंच प्रदान करता है. यहां तालिबान का शीर्ष नेतृत्व दशकों से जमा हुआ है. यहां अज्ञात संख्या में रिजर्व फाइटर्स यानि आरक्षित लड़ाके भी हैं, जो नियमित रूप से मदद के लिए अफगानिस्तान में प्रवेश करते रहते हैं.

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