Sankashti Chaturthi पर जानें चंद्र दर्शन का महत्व, आज इस मुहूर्त में चंद्रमा को दें अर्घ्य, जानें भगवान गणेश की पूजा विधि, मंत्र जाप

sadbhawnapaati
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर आरंभ हो चुकी है. इसी के साथ संकष्टि चतुर्थी व्रत भी शुरू हो गयी है. जिस का समापन 3 मार्च दिन बुधवार की रात्रि 2 बजकर 59 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है. भगवान गणेश की पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा होती है.

आपको बता दें कि विघ्नहर्ता श्री गणेश की विधि विधान से इस दिन पूजा की जानी चाहिए. साथ ही साथ पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा अर्पित करनी चाहिए, लेकिन भूल कर भी तुलसी पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए. उन्हें मोदक बेहद पसंद है. ऐसे में तिल के मोदक का भोग भी लगाना चाहिए. इस दिन की व्रत कथा सुनें और शाम में चांद को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ें.

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर आरंभ हो चुकी है. इसी के साथ संकष्टि चतुर्थी व्रत भी शुरू हो गयी है. जिस का समापन 3 मार्च दिन बुधवार की रात्रि 2 बजकर 59 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है. भगवान गणेश की पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा होती है.

आपको बता दें कि विघ्नहर्ता श्री गणेश की विधि विधान से इस दिन पूजा की जानी चाहिए. साथ ही साथ पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा अर्पित करनी चाहिए, लेकिन भूल कर भी तुलसी पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए. उन्हें मोदक बेहद पसंद है. ऐसे में तिल के मोदक का भोग भी लगाना चाहिए. इस दिन की व्रत कथा सुनें और शाम में चांद को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ें.

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