बैंक प्रेस नोट के डिप्टी कंट्रोलर को आजीवन कारावास, 75 हजार रु. का अर्थदंड भी

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Crime News. देवास में बैंक प्रेस नोट के डिप्टी कंट्रोलर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। वह जूते में बीएनपी से नोट चुराकर ले जाता था। उसके पास से 90.59 लाख रुपए जब्त हुए थे इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को तीन धाराओं में दंडित किया गया है आजीवन कारावास के साथ ही करीब 75 हजार रुपए का अर्थदंड भी न्यायालय ने किया है।

बता दें कि सीआईएसएफ ने 19 जनवरी 2018 को बैंक नोट प्रेस में डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा को संदिग्ध पकड़ा था फिर जब मौके पर तलाशी ली गई तब उसके पास से नोटों की गड्डी मिली थी बाद में उसके कार्यालय में भी तलाशी ली गई और फिर उसके घर पर भी दबिश दी गई इस दौरान कुल करीब 90.59 लाख रुपए जब्त किए गए, बताया जा रहा है कि घर में नोट गद्दों के अंदर से भी मिले थे।

गौरतलब है कि आरोपी जूते में नोट छुपाकर घर ले जाता था। बाद में जांच के दौरान कुछ सुपरवाइजरों को निलंबित भी किया गया था। बीएनपी पुलिस ने मामले की जांच पूर्ण करने के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया और सजा सुनाई। मामले के जांच अधिकारी व वर्तमान कोतवाली टीआई उमराव सिंह ने बताया आरोपी वर्मा को धारा 489 बी व सी, 409 में सजा हुई है। दो धाराओं में आजीवन कारावास एक में 7 साल की सजा है। इसके अलावा तीनों धाराओं में 75 हजार रुपए का अर्थदंड किया गया है। गौरतलब है कि यह मामला देश की करेंसी से जुड़ा होने के कारण बहुचर्चित था और आरोपी को तब से लेकर अब तक जमानत नहीं मिल पाई थी, हर बार उसकी जमानत की अर्जी न्यायालय द्वारा खारिज की गई थी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।