साहित्यकार एवं शिक्षक गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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किया नहीं पसंद, मेरा प्यार किसी ने।
दिया नहीं मुझको, यहाँ प्यार किसी ने।।
किया नहीं पसंद…।।
मैंने पसंद यहाँ, जिसको भी किया।
उसने मुझको, जवाब यह दिया।।
बिना पैसों के साथ, नहीं दिया किसी ने।
दिया नहीं मुझको, यहाँ प्यार किसी ने।।
किया नहीं पसंद…।।
नफरत थी असली चेहरों से उनको।
चाहिए था दिल का, खिलौना उनको।।
देखा नहीं मेरी वफ़ा को, किसी ने।
दिया नहीं मुझको, यहाँ प्यार किसी ने।।
किया नहीं पसंद…।।
नहीं चाहिए उनको, इंसान सच्चा।
सौदागर दिल का, उनको लगता है अच्छा।।
नहीं दी पनाह- इज्जत, मुझको किसी ने।
दिया नहीं मुझको, यहाँ प्यार किसी ने।।
किया नहीं पसंद…।।
साहित्यकार एवं शिक्षक
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।