मकर संक्रांति की धूम: देशभर की पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

नई दिल्ली। देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार कल 4 जनवरी को धूमधाम से मनाया गया। देशभर की पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्योदय के बाद संगम व गंगा के समस्त घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ बढ़ने लगी। इस दिन आस्था की डुबकी लगाई जाती है।
कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद श्रद्धालुओं में जो आस्था का जोश है उसमें कमी नहीं नजर आ रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगासागर में पवित्र स्नान किया। इस मौके पर तीर्थयात्री और संत कड़कड़ाती ठंड को झेलते हुए और गंगा के बर्फीले पानी में उतरकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करते देखे गए।
महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही
मध्य प्रदेश में भी मकर संक्रांति के अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। उत्तराखंड में मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई।
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर में मकर संक्रांति का उल्लास दूसरे दिन भी रहेगा। वैसे तिथि के अनुसार मंदिर में शनिवार को संक्रांति पर्व मनाया गया। इस मौके पर करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर व ममलेश्वर का पूजन-अर्चन किया। रविवार को भी सुबह से ही नर्मदा स्नान और दानपुण्य का सिलसिला शुरू हो गया। सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए कतार लगना शुरू हो गई।
रविवार के अवकाश के चलते भी बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां पहुंचे। मकर संक्रांति पर सुबह गंगा स्नान और गरीबों व जरूरतमंदों को तिल खिचड़ी कपड़े का दान करना चाहिए। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और नहाने के बाद सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।