Mandi Strike: मंडियों में हड़ताल से अब तक 2400 करोड़ का नुकसान

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sadbhawnapaati
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मंडी शुल्क घटाने और निराश्रित शुल्क हटाने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश की मंडियों में हड़ताल की वजह से अब तक करीब ढाई हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है। इस कारण महंगाई भी बढ़ने लगी है और सोयाबीन किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले 12 दिन से चले रही मंडी हड़ताल के कारण कृषि जिंसों की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल के मुताबिक मंडियों में रोजाना करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इस हिसाब से हड़ताल के कारण अब तक लगभग 2400 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है।

इस बीच दलहन की आपूर्ति बाधित होने की वजह से दालों के भाव बढ़ने लगे हैं। दाल मिलर संजय काबरा के मुताबिक मंडियों में हड़ताल शुरू होने से लेकर अब तक तुअर व उड़द दाल के भाव 1000 रुपये तक बढ़ गए हैं और चना दाल 400 रुपये तक महंगी हुई है। काबरा का कहना है कि मंडियों में हड़ताल की वजह से प्रदेश का दलहन कारोबार 80 तक प्रतिशत प्रभावित हुआ है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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