गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी किया आदेश, ‘धारा 66A के तहत ना हो किसी के खिलाफ कार्रवाई’

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National News 15 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) 2000 की निरस्त धारा 66ए को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। अपने आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य अपने अधिकार क्षेत्र के सभी पुलिस स्टेशनों को निर्देश जारी कर कहें कि धारा 66ए के तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज ना किया जाए। इसके साथ ही राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वो कानून लागू करने वाले एजेंसियों से आईटी एक्ट की धारा 66ए पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर संवेदनशीलता बरतने के लिए कहें।

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आपको बता दें कि यह मामला उस वक्त सामने आया, जब हाल ही में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा कि आईटी एक्ट की धारा 66ए के निरस्त होने के सात साल बाद भी, मार्च 2021 तक 11 राज्यों में जिला अदालतों के पास कुल 745 मुकदमे या तो लंबित हैं या चल रहे हैं। याचिका में कहा गया कि इन सभी मामलों में आरोपी लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट की निरस्त हो चुकी धारा 66ए के तहत कार्रवाई चल रही है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।