भाजपा कार्यालय पर हुई बैठक में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा - इंदौर में भाजपा का महापौर प्रत्याशी शहर के सपनों को साकार करने वाला होगा
इंदौर। नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा में जमकर खींचतान चल रही है। कांग्रेस एक कदम आगे निकलते हुए पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी है तो भाजपा में अभी तक मंथन ही चल रहा है।
गाइडलाइन के फेर में दावेदार उलझे हुए हैं और सीएम के सपनों का शहर इंदौर अब तक इंतजार कर रहा है कि भाजपा किसे उम्मीदवार बनाएगी।
दरअसल, नगरीय निकाय चुनावों के चलते भाजपा ने कहीं भी उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। इंदौर का नाम सबकी जुबां पर है क्योंकि यहां कांग्रेस ने विधायक संजय शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है और शुक्ला प्रचार करना भी शुरू कर चुके हैं।
उनका नाम तय होते ही वे मिशन महापौर पर निकल चुके हैं और जनसमर्थन भी मिल रहा है जबकि भाजपा अभी तक तय नहीं कर पा रही है कि किसे उम्मीदवार बनाएं। दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है और भाजपा इन्हीं में उलझी हुई है।
इधर प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में बैठकें भी चल रही है। बुधवार को मप्र के गृहमंत्री और इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा इंदौर पहुंचे और कोर कमेटी की बैठक में शामिल हुए।
भाजपा कार्यालय पर यह बैठक हुई जिसमें मंत्री मिश्रा ने कहा कि इंदौर में भाजपा का महापौर प्रत्याशी शहर के सपनों को साकार करने वाला होगा।
बैठक में आगामी नगरीय निकाय चुनाव एवं अन्य मुख्य विषयों के साथ ही पूर्व में किए गए आयोजन एवं कार्यक्रमों की समीक्षा और आगामी कार्यक्रमों एवं आयोजनों की योजना एवं रूपरेखा को लेकर भी चर्चा की गई।
बैठक में भाजपा के पदाधिकारी उपस्थित रहे। हालांकि मिश्रा ने कहा कि कोर कमेटी की बैठक केवल चुनावी रणनीति तय करने के लिए थी।
उम्मीदवारों या प्रत्याशियों के बारे में इस बैठक में कोई चर्चा नहीं की गई, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक में उम्मीदवारी को लेकर भी मंथन किया गया है।
इंदौर मुख्यमंत्री के सपनों का शहर है। यहां की नगर निगम पर कब्जा जमाना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि अब तक तो आसानी से भाजपा का महापौर बनता आया है लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी उलझी हुई है।
ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने विधायक संजय शुक्ला का टिकट फाइनल कर दिया है। शुक्ला के सामने भाजपा को ऐसा ही उम्मीदवार उतारना पड़ेगा जो उन्हें टक्कर दे सके।
कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा में जो भी उम्मीदवार होगा उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद अहम रहेगी। उनके सपनों के शहर में उनकी पसंद का ही महापौर वे देखना चाहते हैं।
पिछली बार भी विधायक मालिनी गौड़ का टिकट उनकी पसंद से ही दिया गया था। वे शहर के विकास की बागडौर किसी ऐसे नेता के हाथ में नहीं देना चाहेंगे, जिससे काम कराना कठिन हो जाए। ऐसे में अब नाम की तलाश हो रही है कि किस पर दांव खेला जाए।