MP: ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच Nasal Endoscopy पर जोर, संक्रमण रोकने में मिलेगी मदद

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर तो कम होता दिख रहा है लेकिन अब ब्लैक फंगस के मामले राज्य में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हालात इतने चिंताजनक हैं कि लगातार सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी मीटिंग करनी पड़ रही है और इस बीमारी से लड़ने के लिए एक अलग टॉस्क फोर्स भी बना दी गई है. ऐसे में सरकार की तरफ से तैयारी तो पूरी रखी जा रही है. प्रयास है कि राज्य में ब्लैक फंगस के मामले ज्यादा ना बढ़ें

एमपी में बढ़ते ब्लैक फंगस के मामले

अब इसी कड़ी में राज्य में Nasal Endoscopy पर जोर दिया जाएगा. ये एक प्रक्रिया है जिसमें एंडोस्कोप के जरिए नेसल पैसेज को देखा जाता है. इसके जरिए समय रहते ब्लैक फंगस के इंफेक्शन के बारे में जानकारी मिल सकती है और मरीज का ट्रीटमेंट भी शुरू किया जा सकता है. इसी वजह से राज्य में बड़े स्तर पर ये अभियान चलाया जाएगा. इस बारे में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विस्तार से बताया है. वे कहते हैं कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच अब Nasal Endoscopy के जरिए समय रहते इंफेक्शन को पकड़ा जाएगा और शुरुआती चरण में ही इसे फैलने से रोका जाएगा

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

Nasal Endoscopy के जरिए इलाज?

जानकारी दी गई है कि इस अभियान में फ्री में ही लोगों का Nasal Endoscopy करवाया जाएगा. इस सिलसिले में ईएनटी विशेषज्ञों से भी बात हो गई है और वे भी मुफ्त में ही इस अभियान संग जुड़ने जा रहे हैं. वहीं Nasal Endoscopy में जिन भी उपकरणों की जरूरत पड़ती है, उन्हें भी सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा. ऐसे में अब राज्य में ब्लैक फंगस को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम होने जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कुछ समय बाद इसका जमीन पर भी असर दिखने लगेगा और राज्य में ब्लैक फंगस के मामले कम हो जाएंगे.

ब्लैक फंगस के बारे में बताया गया है कि ये ये इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कोरोना होने से पहले किसी दूसरी बीमारी (शुगर आदि) से ग्रस्त थे. या फिर जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंख दर्द, नाक बंद या साइनस और देखने की क्षमता पर असर शामिल है

 [/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।