MP News – उमा भारती का विवादित बयान- ब्यूरोक्रेसी की औकात ही क्या, चप्पल उठाती है हमारी, बाद में दी सफाई 

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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MP NEWS. बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने फिर एक विवाद पैदा करने वाला बयान दिया. उन्होंने ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) यानी नौकरशाही को चप्पल उठाने वाली बताया. उमा भारती ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नही होती, चप्पल उठाने वाली होती है. चप्पल उठाती है हमारी. हम लोग ही राजी हो जाते हैं उसके लिए. उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है? नहीं-नहीं, अकेले में बात हो जाती है पहले, फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है. हमसे पूछिए 11 साल केंद्र में मंत्री रहे हैं, मुख्यमंत्री रहे हैं. पहले हमसे बात होती है, डिस्कशन होता है, फिर फाइल प्रोसेस होती है.  

उमा भारती ने कहा कि सब फालतू की बातें हैं, ब्यूरोक्रेसी घुमाती है. घुमा ही नहीं सकती, उनकी औकात क्या है. हम उन्हें तनख्वाह दे रहे हैं, हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं, हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं. उनकी कोई औकात नहीं है. असली बात यह है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं.

दरअसल शनिवार को ओबीसी महासभा का प्रतिनिधिमंडल पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मिलने भोपाल स्थित उनके बंगले पहुंचा था. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने ओबीसी की जातिगत जनगणना एवं निजीकरण में आरक्षण को लेकर उमा भारती को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था. ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी थी कि मध्य प्रदेश सरकार को ओबीसी महासभा की मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा अन्यथा ओबीसी महासभा सड़कों पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक, और मंत्रियों का पुरजोर विरोध करेगी. इस दौरान ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली.

उमा भारती ने दी सफाई :- उमा भारती ने वीडियो सामने आने के बाद सफाई दी है। उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी सच्चे और नेक इरादे वाले नेता का साथ देती है। मेरी भाषा गलत थी, लेकिन मेरे भाव अच्छे थे। उन्होंने कहा कि आज से मैंने सबक सीखा है कि अनौपचारिक बातचीत में भी संयमित भाषा का उपयोग करूंगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।