8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के विमान क्रैश हादसे में एकमात्र जीवित बचे वरुण सिंह की बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. विमान हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 अधिकारी शहीद हो गए थे. वरुण मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे. फिलहाल, वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं.
इस साल 26 जनवरी को शौर्य चक्र से किया गया था सम्मानित
वरुण ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट रहे थे. अभिनंदन वर्धमान ने ही 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था. साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर इस कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था. कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनकी उम्र 42 साल थी. उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे. वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में हैं. उनकी पत्नी गीतांजली एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं.
क्रैश में सभी 14 लोगों ने गंवाई जान
कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश की बात करें तो उस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और कई दूसरे सीनियर अफसर भी मौजूद थे. इस दुर्घटना में CDS बिपिन रावत, उनके परिवार के सदस्य समेत 14 लोग सवार थे, जिसमें 13 की जान चली गई. अकेले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बच पाए थे… लेकिन बुधवार को उनका भी निधन हो गया. ऐसे में इस हादसे में सभी 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी.