दलाल, डॉक्टर और अधिकारी चला रहे थे रैकेट
MP News। जिला का बहुचर्तित आयुष्मान घोटाले ने प्रदेश सरकार और सभी जिलों के प्रशासन के कान खड़े कर दिये हैं. जानकारी के मुताबिक शासन इस मामले में अब गंभीर हो गया है. सभी जिलों में ऐसे मामलों की जांच करने के निर्देश दिये गये हैं.
वहीं दूसरी तरफ डॉ. अश्विनी पाठक दंपत्ति मामले में पुलिस की जांच जारी है. पहले माना जा रहा है था कि मामला पाठक दंपत्ति तक सीमित है. लेकिन अब जांच में धीरे धीरे पर्ते उधड़ रही हैं, जांच में नये नये पहलू जुड़ रहे हैं.
माना जा रहा है आने वाले दिनों में एसआईटी इस मामले में कुछ नामों को आरोपी बनाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी का जांच के दौरान ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिससे यह सामना आ रहा है पाठक दंपत्ति एक सिंडीकेट बनाकर काम कर रहे थे.
जिसके जाल प्रदेश के अन्य जिलों तो तार शासन प्रशासन में बैठे अधिकारियों से जुड़े थे. गरीब मरीजों को फांस कर लाने वाला ग्रुप अलग था. उनका फर्जी इलाज और फर्जी ऑपरेशन करने वाला अलग. वहीं फिर इन फर्जी मरीजों के फर्जी इलाज का बिल आयुष्मान योजना से फाड़कर पैसा निकालने वाला अलग. एसआईटी इन कड़ियों को जोड़कर मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है.
विजीटर डॉक्टर की तलाश……
जानकारी के मुताबिक मरीजों और उनकी फायलों को गायब कर दिया गया है. जिसकी तलाश एसआईटी कर रही है. यह फाईल इस लिये भी अहम हैं, क्योंकि पुलिस को उन डॉक्टर्स के नाम मिल सकते हैं, जो विजिटर डॉक्टर बनकर अस्पताल में आते थे और मरीजों का फर्जी करके जाते थे.
जानकारी के मुताबिक मरीजों और उनकी फायलों को गायब कर दिया गया है. जिसकी तलाश एसआईटी कर रही है. यह फाईल इस लिये भी अहम हैं, क्योंकि पुलिस को उन डॉक्टर्स के नाम मिल सकते हैं, जो विजिटर डॉक्टर बनकर अस्पताल में आते थे और मरीजों का फर्जी करके जाते थे.
स्वास्थ्य विभाग को नहीं थी सूचना……..
होटल में अस्पताल चलाने कि अनुमति संबंधित विभाग से न तो ली गई है और न ही स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी गई थी। करीब २ साल इस होटल के कमरों में पूर्ण रूप से स्वस्थ आयुष्मान कार्डधारियों को भर्ती किया जा रहा था। भर्ती मरीज को १००० रुपए प्रतिदिन और खाना होटल प्रबंधन/अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिया जाता था।
होटल में अस्पताल चलाने कि अनुमति संबंधित विभाग से न तो ली गई है और न ही स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी गई थी। करीब २ साल इस होटल के कमरों में पूर्ण रूप से स्वस्थ आयुष्मान कार्डधारियों को भर्ती किया जा रहा था। भर्ती मरीज को १००० रुपए प्रतिदिन और खाना होटल प्रबंधन/अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिया जाता था।
गरीब क्षेत्रों से लाते थे मरीज………
बताया जा रहा है की यह सिंडीकेट में दलाल जुड़े थे. जो विशेषकर गोहलपुर, रजाचौक क्षेत्र से गरीब मरीजों को फांसकर यहां लाते थे. इन दलालों को प्रति मरीज १००० रुपए का भुगतान पेशेंट भर्ती कराते ही दिया जाता था।
बताया जा रहा है की यह सिंडीकेट में दलाल जुड़े थे. जो विशेषकर गोहलपुर, रजाचौक क्षेत्र से गरीब मरीजों को फांसकर यहां लाते थे. इन दलालों को प्रति मरीज १००० रुपए का भुगतान पेशेंट भर्ती कराते ही दिया जाता था।
आयुष्मान कार्डधारियों के लिए शासकीय दर जनरल वार्ड प्रतिदिन-१८०० रुपए, प्राइवेट डिलक्स रूम-३५०० रुपए, आईसीयू प्रतिदिन- ८००० रुपए , वेंटीलेटर चार्ज २४ घंटे- ९००० रुपए निर्धारित है। अस्पताल से फाइलें गायब होने के मामले में पड़ताल चल रही है।