MP News – प्रदेश में अब कलर कोड में चलेंगे ऑटो, सरकार ने ऑटो रिक्शा विनिमय योजना को दी मंजूरी

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भोपाल। प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि राज्य के ऑटो चालकों के लिए नीति का निर्धारण कर दिया गया है। परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई ऑटो रिक्शा विनिमय योजना 2021 को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई। इस योजना के मध्य प्रदेश में लागू होने के बाद ऑटो चालकों के साथ आम जनता को राहत मिल सकेंगी।
राजपूत ने बताया कि इस योजना का विस्तार संपूर्ण मध्यप्रदेश में होगा। इस योजना के तहत ऑटो रिक्शा में चालक को छोड़कर 3 सवारियों तक की बैठक की क्षमता वाले वाहनों को परमिट प्रदान किया जाएगा। परमिट देने में सीएनजी ऑटो रिक्शा को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें अस्थाई परमिट सिर्फ 4 माह के लिए वैध होगा, जबकि स्थाई परमिट 5 वर्ष के लिए जारी किया जाएगा।
राजपूत ने बताया कि आरटीओ द्वारा ऑटो रिक्शा के संचालन के लिए शहरी तथा गैर शहरी क्षेत्र का निर्धारण किया जाएगा। जबकि कलेक्टर नगरीय जनसंख्या के आधार पर ई-रिक्शा के संचालन के लिए क्षेत्र/मार्ग को प्रतिबंधित कर सकेंगे। वहीं सड़क सुरक्षा समिति की सलाह पर ऑटो रिक्शा स्टैंड का चिन्हांकन किया जाएगा।
परमिट के आधार पर होगी कलर कोडिंग
शहरी तथा गैर शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग परमिट जारी होंगे। उसी परमिट के आधार पर ऑटो रिक्शा में कलर कोडिंग की जाएगी। इसके उल्लंघन पर ऑटो रिक्शा का परमिट रद्द कर दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी ऑटो रिक्शा के लिए पीला हुड और ग्रीन बॉडी तथा पेट्रोल एवं डीजल से संचालित ऑटो रिक्शा के लिए पीला हुड और काली बॉडी रहेगी। जबकि शहर के अलावा संचालित ऑटो रिक्शा के लिए पीला हुड और लाल बाडी होगी। ऑटो रिक्शा में 3 से अधिक यात्री बैठाने पर परमिट रद्द कर दिया जाएगा।
परमिट और पंजीयन में मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट
न्यू सीएनजी ऑटो पंजीयन व परमिट में 10 प्रतिशत की छूट तथा 10 साल पुराने ऑटो को सीएनजी में परिवर्तित कराने में स्थाई परमिट में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अलावा वाहन स्वामी ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा में किसी तरह का मोडिफिकेशन नहीं करा सकेगा। हर ऑटो रिक्शा में एसपी, आरटीओ, यातायात पुलिस, एम्बुलेंस, डॉयल 100, महिला हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्प लाइन सहित महत्वपूर्ण फोन/मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य होगा।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।