मप्र : कोरोनाकाल में सेवाएं देने वाले 600 आयुष चिकित्सकों को सेवा समाप्ति का आदेश, जानें मामला

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भोपाल. मध्य प्रदेश के आयुष चिकित्सक मुश्किलों से घिर गए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 600 से ज्यादा चिकित्सकों को सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है. ये आदेश 23 मार्च को जारी किया गया था, जो 1 अप्रैल से लागू हो गया. ये वे आयुष चिकित्सक हैं, जिन्होंने कोरोना जैसे कठिन काल में प्रदेश में अपनी सेवाएं दीं.

जानकारी के मुताबिक, इन आयुष चिकित्सकों ने दो साल तक ओपीडी संभाली. मरीजों के टेस्ट, ट्रीटमेंट, कोरोना सेंटर और वैक्सीनेशन से लेकर आईसोलेशन तक पूरी जिम्मेदारी से काम किया. हालांकि, शुरुआत से ही इनकी नियुक्तियां अस्थाई थीं, लेकिन समय के मुताबिक, इसे बढ़ाया गया था. अब जब कोविड का खतरा कम हो गया है तो उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं.

स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में पद खाली 

दूसरी ओर, विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में पद खाली हैं. इसलिए इन चिकित्सकों को संविदा नियुक्ति दे दी जाएं और सेवाएं जारी रखी जाएं. इससे उनके परिवार का भरण-पोषण होता रहेगा. वहीं, इस मामले पर अब प्रदेशभर के चिकित्सक विरोध प्रदर्शन का मन बना रहे हैं. उनकी रणनीति तैयार हो रही है.

इन जगहों पर दी गई जिम्मेदारी

बता दें, दो साल पहले इन आयुष चिकित्सकों की नियुक्त परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने NHM के माध्यम से की थी. प्रदेश के 51 जिलों में इनकी भर्ती हुई थी. उसके तीन महीने बाद इनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. कार्यकाल बढ़ने बाद इन सभी को जिला अस्पतालों, कोविड सेंटरों, सिविल अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त किया गया. इन चिकित्सकों ने आइसोलेशन सेंटर भी संभाले.

किसी डॉक्टर ने छुट्टी तक नहीं ली

आयुष चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना जैसे कठिन काल के दौरान किसी ने कोई छुट्टी नहीं ली, उल्टा कई परिवारों ने अपने सदस्यों को इस बीमारी में खो दिया. जानकारी के मुताबिक, इन चिकित्सकों की भर्ती के वक्त जो आदेश निकला था उसके मुताबिक, कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए अस्थाई रूप से इन डॉक्टरों की नियुक्ति 31 मार्च तक की गई थी. अब इनके लिए सरकार के पास बजट नहीं है. इनकी सेवाएं 1 अप्रैल से समाप्त हो जाएंगी.

ये है मांग

इस मामले को लेकर कोविड-19 आयुष चिकित्सक संघ, भोपाल डिवीजन का कहना है कि अस्थाई रूप से नियुक्त किए गए चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में चिकित्सक धरना देंगे. संघ की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में पद खाली हैं, जिन पर उन्हें संविदा नियुक्ति दी जाए.

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