इसके बाद रविवार को लक्ष्मण सिंह ने मिश्रा और राय के खिलाफ पुलिस के पास एससी/एसएसटी की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि यह आरोप उनकी छवि धूमिल करने के लिए लगाए गए हैं।
सोमवार को टीईटी परीक्षा के अभ्यर्थियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बोर्ड ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया और परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
अभ्यर्थी बोले- सबूत है
नाम ना बताने की शर्त पर एक अभ्यर्थी ने कहा, यह स्क्रीनशॉट इस बात के सबूत हैं कि पेपप लीक हुआ था। परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के इस्तेमाल की मनाही थी। तो फिर आखिर एजेंट को स्क्रीनशॉट कैसे मिला। यह सोच समझ कर किया गया घोटाला है और इसकी जांच होनी चाहिए। हम परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
कॉन्स्टेबल परीक्षा की रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप
अभी हाल ही में जो छात्र कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे वो लोग भी इस प्रदर्शन में शामिल है और उन्होंने रिजल्ट को फिर से घोषित किये जाने की मांग की थी।
कॉन्स्टेबल परीक्षा के उम्मीदवार विकास मीणा ने कहा, ‘जब 24 मार्च को कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी हुए थे, तब मेरा नाम पास करने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट में था। 12 घंटे बाद जब मैंने अपना रिजल्ट दोबारा चेक किया तब मैंने देखा कि मेरा नाम पास करने वाले उम्मीदवारों की सूची में नहीं है।
यह कैसे हुआ, मैं नहीं जानता…लेकिन यह मेरे लिए चकित करने वाला है।’ एक अन्य महिला उम्मीदवार ने भी यही दावा किया।
कांग्रेस ने उठाई यह मांग
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राज्य अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, ‘राज्य सरकार को इस मामले में एक साफ-सुथरी जांच करवानी चाहिए। लेकिन उम्मीदवारों का सिस्टम से भरोसा उठ रहा है। यह बेरोजगारों के भविष्य का मामला है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए यह साजिश रची है। हमें शिकायत मिलेगी, तब हम इस मामले की जांच करेंगे।’ वहीं बोर्ड के अध्यक्ष आईसीपी केसरी ने कहा, ‘हम टीईटी मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन शुरुआती जांच में हमें किसी गड़बड़ी का पता नहीं चला है।’ उन्होंने यह भी कहा कि कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पहले फेज के परिणाम में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। यह रिजल्ट सिर्फ एक ही बार जारी किया गया है