🌿 मेरी अंतिम इच्छा.. 🌿
मेरा अंतिम संस्कार
किसी 🌳 हरे-भरे वृक्ष की बलि लेकर न हो।
वो लकड़ी उपयोग हो
जो 🍂 स्वाभाविक रूप से गिरी हो,
या 🪵 समय पूरा कर प्राण त्याग चुकी हो।
🙏
मैं नहीं चाहता
कि मेरी विदाई का कारण
किसी और जीव का अंत बने।🔥
जहाँ आवश्यक हो,
वहाँ भी कम से कम लकड़ी से,
💨 कम से कम धुएँ से,
🌏 कम से कम आघात से
मैं मिट्टी में मिल जाऊँ।
🕊️
मृत्यु के बाद भी
प्रकृति को बोझ न बनूं,
बल्कि प्रणाम बन जाऊँ उस धरती को,
जिसने जीवनभर मुझे सँभाला।
🌼
– राजेन्द्र सिंह
(वृक्षों की छाया में जीने वाला,
उसी छाया को अक्षुण्ण छोड़ने वाला एक नागरिक)