नहीं रखी जाती घर में इन 4 देवताओं की मूर्ति, जाने क्यों माना जाता है अशुभ

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भगवान की कृपा पाने के लिए लोग अपने-अपने घर के मंदिर देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हैं। मान्यता है कि घर में भगवान की मूर्ति या फोटो होती है तो परेशानियां दूर रहती हैं। मंदिर में पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। भगवान के कुछ ऐसे स्वरूप हैं जो घर में रखना शुभ नहीं बल्कि अशुभ होता है। ऐसे स्वरूप घर में रखने से फायदा नहीं नुकसान हो सकता है…. 1. भैरव देव भैरव देव को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। घर में छोटा सा शिवलिंग रख सकते हैं, लेकिन शिवजी के अवतार भैरव भगवान की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। भैरव देव तंत्र के देवता हैं और इनकी पूजा घर के बाहर ही करनी चाहिए। 2. नटराज भगवान शिवजी का रौद्र स्वरूप है नटराज। इस स्वरूप में शिवजी तांडव करते नजर आते हैं। ये मूर्ति रखने से घर में अशांति बढ़ सकती है। परिवार के सदस्यों का स्वभाव क्रोधी हो सकता है।

3. शनि देव ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, साथ ही ये एक क्रूर ग्रह है। शनिदेव सूर्य के पुत्र हैं। इनकी मूर्ति घर में रखना अशुभ माना जाता है। शनि की पूजा घर से बाहर ही करनी चाहिए। 4. राहु-केतु राहु और केतु को छाया ग्रह और पाप ग्रह माना जाता है। ज्योतिष की मान्यता है कि राहु-केतु की पूजा की जाए तो हम बड़ी-बड़ी परेशानियों से बच सकते हैं, लेकिन इनकी पूजा घर में नहीं बल्कि बाहर किसी मंदिर में करनी चाहिए। घर में इनकी मूर्ति रखने से अशुभ फल मिल सकते हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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