Indore Top News – राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आज

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Indore News। राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस का आयोजन 13 सितम्बर, 2022 को किया जाएगा। इस दिवस को एक से 19 आयु वर्ग के सभी बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को पेट की कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेडाजॉल की मीठी गोली खिलाई जाएगी तथा 16 सितम्बर, 2022 को कृमि मुक्ति के लिए मीठी गोली एल्बेडाजॉल के सेवन से छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। शासन की मंशानुसार कोई भी 1 से 19 वर्ष आयु वर्ग का बच्चा दवा पीने से नहीं छूटे।
एक से 19 आयु वर्ग के बच्चों के पेट में कृमि ज्यादा होने से उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। बच्चे बीमार एवं कमजोर रहते हैं। खून की कमी भी हो जाती है। बच्चा थका हुआ रहता है। उसका पढ़ाई एवं अन्य दिनचर्या के कार्या में मन नहीं लगता है। बच्चों के पेट में कृमि होने पर कृमि बच्चे का पौष्टिक भोजन एवं रक्त चूस लेते है।
जिससे बच्चे पर्याप्त भोजन लेने के बाद भी कमजोर होकर कुपोषित हो जाते है। रक्त की कमी के भी शिकार हो जाते है। उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास रूक जाता है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की कमी को दूर करने के लिए एल्बेडाजॉल की मीठी गोली खिलाई जाती है। एल्बेडाजॉल की मीठी गोली प्रायवेट, सरकारी, आंगनवाड़ी, बाल सुधार गृह, आश्रम एवं छात्रावासों में बच्चों को प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों, किशोर-किशोरियों का कृमिनाशन कर मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर वृद्धि करना है। इसके अंतर्गत शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, आदिवासी आश्रम शालाओं, प्रायवेट अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्र शासित शालाओं, मदरसों, स्थानीय निकाय की शालाओं, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में 1 से 19 वर्षीय समस्त बच्चों का कृमिनाशन किया जाएगा।
इस हेतु किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट यथा शिशु गृह, बालक गृह, बालिका गृह, बाल संप्रेक्षण गृह इत्यादि में मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा भ्रमण कर अपनी निगरानी में ऐसे समस्त बच्चों को एल्बेडाजॉल गोलियों का उम्र अनुसार सेवन कराया जाना लक्षित किया गया है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।