राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया गेट पर अनन्त जलने वाली अमर जवान ज्योति की लौ अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल के साथ विलीन हो जाएगी.
National News. इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति की हमेशा जलती रहने वाली मशाल अब 50 साल बाद हमेशा के लिए बंद हो रही है. अब यह मशाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल के साथ मिला दी जाएगी. यानी अब नेशनल वॉर मेमोरियल में ही ज्वाला जलेगी. केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी सवाल उठा रही है और तरह-तरह के आरोप लगा रही है.
क्या हैं कांग्रेस के आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह कदम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’’
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘अमर जवान ज्योति को बुझाना उस इतिहास को मिटाने की तरह है जो पाकिस्तान के दो टुकड़े करने और दक्षिण एशिया के मानचित्र को बदलने वाले 3483 बहादुर सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही विडंबनापूर्ण है कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरा होने के अवसर पर सरकार आजादी के बाद के सबसे बेहतरीन क्षण को मिटाने का प्रयास करती दिख रही है.’’
मोदी सरकार की सफाई
अमर जवान ज्योति की लौ को लेकर हुए विवाद पर अब सरकार ने सफाई दीं है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि तरह-तरह की भ्रांतियां फैल रही है इनको दूर करना जरूरी है. सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है. इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्वाला में विलीन किया जा रहा है, अब ये ज्वाला राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रज्वलित रहेगी.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ‘‘अमर जवान ज्योति के संदर्भ में कई तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं. सही बात यह है कि अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है. इसे राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिलाया जा रहा है.’’
बता दें कि अमर जवान ज्योति के रूप में जानी जाने वाली शाश्वत ज्वाला 1972 में इंडिया गेट आर्च के नीचे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाई गई थी. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के अस्तित्व में आने के बाद दो साल पहले अमर जवान ज्योति के अस्तित्व पर सवाल उठाया गया था. यह इसलिए, क्योंकि सवाल उठाए जा रहे थे कि अब जब देश के शहीदों के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है, तो फिर अमर जवान ज्योति पर क्यों अलग से ज्योति जलाई जाती रहे. हालांकि पहले भारतीय सेना ने कहा था कि अमर जवान ज्योति जारी रहेगी, क्योंकि यह देश के इतिहास का एक अविभाज्य हिस्सा है. इसके साथ ही यह श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के संचालन के दौरान और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के दौरान शहीद हुए सैनिकों को भी समर्पित है.