National News – सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश- नौकर या केयरटेकर संपत्ति के नहीं हो सकते मालिक

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश सुनाते हुए कहा कि नौकर या केयरटेकर किसी भी संपत्ति के मालिक नहीं हो सकते हैं चाहे उन्होंने कितने भी समय से सेवा की हो. सुप्रीम कोर्ट ने सत्र न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसलों को निरस्त कर दिया, जिसमें संपत्ति पर नौकर के दावे को स्वीकार कर लिया गया था. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी ए.एस. ओका की पीठ ने यह फैसला देते हुए नौकर को आदेश दिया कि वह संपत्ति को तीन माह के अंदर खाली कर उसका कब्जा मालिक को सौंप दे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि वह कब्जा नहीं देता तो उस पर कानूनी रूप से कार्रवाई की जाएगी.

अदालत ने इसके साथ ही मालिक की सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 की अर्जी स्वीकार कर ली कहा कि नौकर का संपत्ति में कोई हक अर्जित नहीं होता. अदालत ने कहा कि नौकर या केयरटेकर प्रतिगामी कब्जे (एडवर्स पजेशन) का दावा भी नहीं कर सकता क्योंकि वह संपत्ति पर मालिक द्वारा देखभाल के वास्ते रखा गया है जिसका वह कोई किराया या अन्य कोई राजस्व नहीं दे रहा था.

क्या था मामला

दरअसल मालिक की लंबे समय से देखभाल कर रहे एक शख्स ने संपत्ति पर कब्जा लेने का प्रयास किया. नौकर ने कहा कि वह इस संपत्ति पर लंबे समय से रह रहा है इसलिए यह उसकी संपत्ति हो गई. इसके लिए उसे दीवानी कोर्ट में मुकदमा दायर किया कहा कि उसे संपत्ति का शांतिपूर्ण कब्जा बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया जाए तथा मलिक को हस्तक्षेप से रोका जाए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।