भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो- ISRO) के 2022 का पहला मिशन शुरू हो गया है। 14 फरवरी को सुबह 5:59 बजे मिशन पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C52) का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण होगा।
इसके जरिए धरती का पर्यवेक्षण उपग्रह (ईओएस)- 04 अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसरो ने एक ट्वीट में बताया कि पीएसएलवी-सी52, ईओएस-04 मिशन के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे 30 मिनट की उलटी गिनती आज सुबह 04:29 बजे से शुरू हो गई है। पीएसएलवी-सी52 के जरिए 1,710 वजनी ईओएस-04 को 529 किमी ऊंचे परिक्रमा पथ में स्थापित किया जाएगा।
क्या है इओएस-04
- इंस्पायर सेट-1: यह उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक संस्थान ने कोलोराडो विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष भौतिक शास्त्र व वायुमंडलीय प्रयोगशाला के साथ तैयार किया है।
- आईएनएस-2टीडी : साथ प्रक्षेपित होने वाला यह दूसरा उपग्रह इसरो का ही है। इसे भारत व भूटान के संयुक्त उपग्रह आईएनएस-2वी के पहले विकसित कर भेज रहा है।
इनसेट-4बी बना देश का 21वां डी-कमीशन होने वाला उपग्रह
इस बीच इसरो ने बताया कि इनसैट-4बी को 24 जनवरी को डी-कमीशन कर पोस्ट मिशन डिस्पोजल (पीएमडी) पर भेजा गया है।
पीएमडी भेजने मतलब है कि उपग्रह ने अपना समय पूरा कर लिया है और अब इसे डिस्पोज किया जा रहा है। यह 21वां उपग्रह जिसे इसरो पीएमडी कर रहा है। 11 मार्च 2007 को यह 1,335 किलो वजनी इनसैट-4बी अंतरिक्ष में 12 साल काम करने के लिए भेजा गया था।
संयुक्त राष्ट्र की अंतरिक्ष मलबा नियंत्रण गाइडलाइन के तहत इसे डिस्पोज करने के लिए 340 किमी ऊंचाई के परिक्रमा पथ ‘ग्रेवयार्ड-ऑर्बिट’ में भेजा गया है।