National News – I Love You कहना प्यार का इजहार, उसका अपमान नहीं – कोर्ट 

sadbhawnapaati
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मुंबई की एक विशेष अदालत ने यौन उत्पीड़न से बच्चों का संरक्षण (Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) अधिनियम के तहत आरोपी बनाए गए 23 वर्षीय व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि किसी लड़की से एक बार ‘‘मैं तुमसे प्रेम करता हूं’’ (I Love You) कहना उसके शील का जानबूझकर अपमान करना नहीं है, बल्कि यह प्यार का इजहार करना है.

प्यार का इजहार करने पर पॉक्सो एक्ट में मुकदमा
विशेष न्यायाधीश कल्पना पाटिल ने मंगलवार को यह टिप्पणी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस केस में कोर्ट का विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध हुआ. 17 वर्षीय लड़की के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपी ने 2016 में उनके आवास के निकट लड़की से कहा था कि वह उससे प्यार करता है.

लड़के ने बोल था ”I Love You”
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने लड़की को घूरा और उसे आंख मारी तथा उसकी मां को धमकी भी दी. इसी शिकायत के आधार पर वडाला टीटी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो कानून (POCSO ACT, 2012) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. बहरहाल, अदालत ने आरोपी की दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण (लड़के को पॉक्सो कानून के तहत दोषी मानने के लिए पर्याप्त सबूतों के आभाव में) उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया.

अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा?
अदालत ने अपने फैसले में कहा, ”पीड़िता के अनुसार, घटना के दिन आरोपी ने उससे कहा था, ”मैं तुमसे प्यार करता हूं”. यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें आरोपी ने पीड़िता का बार-बार पीछा किया हो और कहा हो कि ”मैं तुमसे प्यार करता हूं”. एक बार ‘‘मैं तुमसे प्यार करता हूं’’ कहना ज्यादा से ज्यादा पीड़िता से आरोपी द्वारा प्यार का इजहार करने के समान है. ऐसा नहीं कहा जा सकता कि पीड़िता के शील का अपमान करने के इरादे से यह कृत्य किया गया.”

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