पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक सलाहकार और चुनाव प्रचार अभियान के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के एक बयान ने कांग्रेस मुख्यालय में हलचल मचा रखी है। गुरुवार को प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि कांग्रेस का नेतृत्व एक विशेष व्यक्ति का दैवीय हक नहीं है। प्रशांत किशोर के इस ट्वीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने उन्हें स्कूल में जाकर फिर से पढ़ने की सलाह दी है। खुर्शीद ने भड़कते हुए अंदाज में कहा कि प्रशांत किशोर के इस किताबी ज्ञान से भारत जैसे लोकतंत्र की पटकथा नहीं लिखी जा सकती। वहीं एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आखिर प्रशांत किशोर हमारे नेता राहुल गांधी से इतने नाराज क्यों हैं?
पार्टी के एक पूर्व महासचिव का कहना है कि वह किसी के ट्वीट पर कुछ बोलना उचित नहीं समझते। यह प्रशांत किशोर से पूछा जाना चाहिए कि यह तो वही राहुल गांधी हैं जिन्हें वह देश का प्रधानमंत्री बनाने और कांग्रेस को मजबूत बनाने के इरादे से पार्टी से जुड़े थे। क्या अब अंगूर खट्टे नजर आ रहे हैं? पार्टी के नेता ने नाम छापने की शर्त पर कहा कि अभी कुछ समय पहले भी प्रशांत किशोर कांग्रेस के नेताओं से मिले थे। उनकी यह भेंट राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी हुई थी। हो सकता है कि वह जो कांग्रेस से चाहते हों, न पूरा हो पाया हो। क्योंकि उनके ट्वीट में जो भाषा है, उसी तरह की भाषा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में बोलकर आई हैं।कहीं यह तो वजह नहीं है?
कांग्रेस पार्टी के एक सचिव हैं, टीवी पैनलिस्ट भी हैं, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेता से जुड़े प्रशांत किशोर के ट्वीट पर खुलकर नहीं बोलना चाहते। सूत्र का मानना है कि प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी के राजनीतिक कद को लेकर शुरू की गई मुहिम में उन्हें झटका लगने की संभावना बढ़ रही है। वह बताते हैं कि प्रशांत किशोर पिछले एक साल से एक ही राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं। इसमें उनका मत है कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा को राज्यों में क्षेत्रीय दलों के सहारे शिकस्त दी जा सकती है। इसी को केंद्र में रखकर वह पिछले कुछ महीने से एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत कुछ दलों के नेताओं से संवाद बना रहे थे।
सूत्र का कहना है कि प्रशांत किशोर की पहल पर ही ममता बनर्जी अपने भतीजे और तृणमूल के महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ एनसीपी प्रमुख और शिवसेना के नेताओं से मिलने महाराष्ट्र गई थी। शरद पवार से एक घंटे की मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने भी परोक्ष रूप से राहुल गांधी पर निशाना साधा, लेकिन शरद पवार ने अपनी राजनीतिक गंभीरता बनाए रखी। बताते हैं कि इसके चलते ममता बनर्जी के महाराष्ट्र दौरे को वह राजनीतिक उछाल नहीं मिल पाया। इसलिए प्रशांत किशोर को मजबूरी में ट्वीट करना पड़ा है।