NEET और JEE परीक्षा टालने के लिए 4000 छात्रों ने की भूख हड़ताल, Twitter का भी लिया सहारा |

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कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच NEET, JEE समेत अन्य परीक्षाएं टालने की मांग करते हुए चार हजार से अधिक छात्रों ने रविवार को एक दिन की भूख हड़ताल की। वामपंथी छात्र संगठन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अनुसार, 4,200 से अधिक छात्रों ने अपने-अपने घर पर एक दिन की भूख हड़ताल की है। उनकी मांग है कि सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद किया जाए। इसके साथ ही UGC-NET, NEET और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित किया जाए।

सत्याग्रह एगेंस्ट एक्जाम इन कोविड हैशटैग , का इस्तेमाल करते हुए कई छात्रों ने सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए ट्विटर का भी सहारा लिया। जेईई में बैठने वाले कर्नाटक के छात्र मनोज एस ने बताया कि हमें परीक्षा केंद्र पर सात बजे पहुंचने के लिए कहा गया है। मेरा परीक्षा केंद्र मेरे घर से करीब 150 किलोमीटर दूर है और इस समय वहां पहुंचने के लिए कोई बस या ट्रेन सेवा भी उपलब्ध नहीं है। उसने बताया कि मेरे कई मित्रों ने बताया है कि उनका परीक्षा केंद्र घर से 200 से 250 किलोमीटर दूर है। उसने कहा कि हमसे किस तरह यात्रा करने की उम्मीद की जाती है। उसने सामान्य स्थिति बहाल होने तक सरकार से परीक्षा टालने की मांग की है। इसी तरह ओडिशा के बालासोर की रहने वाली अनीशा ने कहा कि मेरा नीट का परीक्षा केंद्र भुवनेश्वर में है। कोई होटल या गेस्ट हाउस खुला नहीं है। ऐसे में हम कहां ठहरेंगे? मनीष सिसोदिया और राहुल गांधी ने भी परीक्षा टालने की मांग की परीक्षा टालने की मांग अब राजनीतिक हस्तियां भी कर रही हैं। कोरोना काल में दोनों परीक्षाएं आयोजित करने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बाद अब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी कोरोना काल में परीक्षा कराने पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने से सरकार से अपील की है कि सरकार को जेईई मेन और नीट परीक्षा के स्टूडेंट्स के मन की बात को सुनना चाहिए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं। NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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