सबसे पहले तो एनआईए प्रदेश में स्लीपर सेल के तौर पर काम करने वाले लोगों को टारगेट करेगी। इसके साथ ही टेरर फंडिंग पर भी जांच की जा रही है। लेकिन सबसे अहम टारगेट स्थानीय मददगार हैं।
राजस्थान में कन्हैयालाल की हत्या और फिर महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश नामक शख्स की हत्या के बाद मध्य प्रदेश पुलिस हाई अलर्ट मोड पर ऐक्शन में है।
सूत्रों के मुताबिक, मार्च महीने में राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके से पड़के गए तीन बांग्लादेशी और एक बिहार निवासी आतंकियों से पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं।
इसके साथ ही सूबे के विदिशा इलाके से धरे गए आतंकियों के दो मददगारों ने भी आतंकियों की रणनीति को लेकर काफी जानकारियां दी हैं। एनआईए इन जानकारियों के आधार पर आतंकियों के सिस्टम को जड़ से तबाह करने की कोशिश में जुटी है।
सूफा से जुड़े लोगों की तलाश
जानकारी के मुताबिक, रतलाम और उसके आसपास के इलाकों में प्रतिबंधित संगठन सूफा सक्रिय है। इस संगठन से जुड़े लोगों के विभिन्न घटनाओं में शामिल होने की जानकारी लगातार सामने आती रही है।
बीते माह भोपाल में सर्चिंग के दौरान एनआईए की टीम को जिहादी साहित्य भी मिला था। जिसके बाद एनआईए की एक साथ तीन प्लान पर काम कर रही है।
NIA के 3 स्पेशल टारगेट
सूत्रों ने बताया कि सबसे पहले तो एनआईए प्रदेश में स्लीपर सेल के तौर पर काम करने वाले लोगों को टारगेट करेगी। इसके साथ ही टेरर फंडिंग पर भी जांच की जा रही है। लेकिन सबसे अहम टारगेट स्थानीय मददगार हैं।
ये लोग दीनी तालीम के नाम पर न सिर्फ स्थानीय युवाओं को बरगलाते हैं बल्कि आतंक के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें पनाह भी देते हैं।