सड़कें चौड़ी करने का कोई फायदा नहीं मिला, पक्की सड़कों पर दुकानों का कब्जा

sadbhawnapaati
4 Min Read

इंदौर। शहर में दर्जनों सड़कों को इसलिए चौड़ा किया गया ताकि राह में चलने वाले पैदल से लेकर दुपहिया चार पहिया को निकलने में आसानी हो लेकिन अब तक कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है।
हम बात करें महूनाका से बियाबानी, मालगंज होकर लोहार पट्टी, टोरी कार्नर सड़क की, यह सड़क साठ से अस्सी फुट चौड़ी की गई लेकिन उस पर कब्जे जमा लिए गए। लोहार पट्टी मेन रोड से लेकर नवीन चित्रा टाकिज और आसपास की सारी गलियों में कम से कम 5-7 हजार कोठियां जमा रहती है।
न सड़क से गुजरना सरल है न ही गलियों में से होकर निकला जा सकता है। आगे बढ़े तो मालगंज चौराहे पर कुम्हारों से लेकर दुकानदारों तक के स्टापर बोर्ड दुकानों का सामान सड़क पर नजर आता है। तिलोकचंद जैन हायर सेकेंडरी स्कूल से महूनाका तक कहीं ढोल ताशों वालों का कब्जा है तो कहीं फर्नीचर सड़क पर बनाया और रखा जा रहा है।
महूनाका चौराहा अस्त व्यस्त है। महूनाका चौराहा से फूटी कोठी होकर कैट जाने वाले रास्ते पर भी दुकानदारों का कब्जा है। द्वारकापुरी, विदुर नगर, हवा बंगला, साईनाथ कालोनी सभी जगह सड़कों पर व्यापारियों ने कब्जा जमा रखा है। महूनाका से एमओजी लाइंस की पूरी फुटपाथ पर कार स्कूटर के गैरेज वालों का कब्जा है।

ऐसा लगता है कि सड़क मैकेनिकों के वर्कशॉप के लिए ही चौड़ी की गई है। गंगवाल से सिरपुर होकर जवाहर टेकरी और आगे भी कब्जे ही कब्जे नजर आते हैं।

गंगवाल से बड़ा गणपति होकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक कारों, टाटा मैजिक, लोडिंग रिक्शा वालों के स्थायी ठिये बन गए हैं।
सुबह-सुबह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर कम से कम सौ गाड़ियों का पार्किंग नजर आता है। सुभाष मार्ग सौ फुट चौड़ा जब होगा तब होगा लेकिन अभी यह हालत है कि सड़कों पर वेल्डिंग करने वालों, मैकेनिकों, मछली वालों व दुकानदारां का कब्जा है।
चिमनबाग से लेकर डीआरपी लाइन तक फुटपाथ पर कब्जे हैं। कहीं भांग घोटा तो कहीं चाट पकोड़े तो कहीं कार ड्रायविंग सिखाने वालों का कब्जा है।

जेलरोड, खातीपुरा, तोपखाना, महारानी रोड, रानीपुरा, सियागंज, जवाहर मार्ग पर हार्डवेयर से लगाकर ट्रांसपोर्ट वालों तक के कब्जे हैं। वेयर हाउस रोड तो पूरा ही गुमटी वालों का हो चुका है।

कहने को गंगवाल से सरवटे तक सड़क बन रही है। जवाहर मार्ग के विकल्प के बतौर बनाई जा रही सड़क पर मच्छी बाजार से सिलावटपुरा गंगवाल बस स्टैंड सड़क पर कब्जे ही कब्जे हैं। वैष्णव हायर सेकेंडरी स्कूल की दुकानें हो या परसरामपुरिया हायर सेकेंडरी स्कूल की दुकानें इनके बाहर भी दुकानदारों के कब्जे है।
गांधी नगर एयर पोर्ट रोड सिक्सलेन बनाया जा रहा है लेकिन उस पर भी दुकानदारों के कब्जे हैं। सुखदेव नगर हो या एरोड्ऱम रोड का साठ फुट चौड़ा करने के बाद व्यापारियों ने सड़क को अपनी बपौती बना रखा है। कमोबेश हर चौड़ी की गई सड़क पर यह हालत है।
अगर कब्जे ही करवाना है तो सड़कों को चौड़ा करना बेमतलब है। मालवा मिल, पाटनीपुरा, भमोरी, मैकेनिक नगर, लोहामंडी, सपना संगीता रोड कहीं भी जाओ एक भी सड़क यातायात के लिए सुगम निरापद नहीं है।

शकर बाजार सीतला माता बाजार बदहाल

शकर बाजार, सराफा से लेकर सीतलामाता बाजार तक सड़क चलने के लिए मात्र 8-10 फुट ही रहती है। सीतला माता बाजार गोराकुंड से नरसिंह बाजार तक कपड़ा व्यापारियों ने आधी सड़क पर अपनी साज सज्जा और पार्किंग के लिए कब्जा कर रखा है।
Share This Article