अब पटवारियों के पास जाने से मुक्ति – भू-अधिकार ऋण पुस्तिका अब ऑनलाइन 

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
1 Min Read

इन्दौर। किसानों और आम जनता को भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए अब पटवारी के पास जाने की जरूरत नहीं है। आम जनता की सुविधा के लिये भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को ऑनलाइन कर दिया गया है।
कोई भी व्यक्ति अपनी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को नजदीकी कियोस्क सेंटर अथवा कॉमन सर्विस सेंटर या स्वयं के एंड्रॉयड मोबाइल से निर्धारित शुल्क 10 रूपये अदा कर ले सकता है।
कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग ई-तकनीक को बढ़ावा दे रहा है, ताकि किसानों एवं आमजन को तहसील एवं पटवारी के चक्कर न लगाने पड़े।
वर्षों पूर्व आमजन और किसानों को अपने खाते की नकल पाना कठिन कार्य था। जन-मानस की परेशानी को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग के नियमों में बदलाव कर जन-सुविधा से जुड़े अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं।
राजस्व विभाग द्वारा कृषकों से अपील की गई है कि सुविधाजनक रूप से किए गए बदलाव का ई-तकनीक के माध्यम से लाभ उठाएँ और परेशानी से बचें। सरकार द्वारा किसानों या आमजन को उनके खाते की खसरा, वी-1 एवं ऋण-पुस्तिका की प्रति वाट्सएप पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।