प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की समीक्षा की,  शिक्षा के हाइब्रिड मॉडल पर दिया जोर   

sadbhawnapaati
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Education News. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 7 मई, 2022 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस दौरान पीएम मोदी ने स्कूली छात्रों पर तकनीक की ओवर-एक्सपोजर से बचने के लिए शिक्षा के हाईब्रिड मॉडल पर जोर दिया।
हाईब्रिड मॉडल वह व्यवस्था होती है जिसमें छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही रूप में शिक्षा प्रदान की जा सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि लागू होने के दो सालों बाद तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इक्विटी, समावेशिता और गुणवत्ता के लक्ष्य तक पहुंचने में काफी प्रयास देखे गए हैं।

उन्होंने कहा इस नीति के तहत स्कूल छोड़ चुके बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाना, उच्च शिक्षा में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सहित कई अन्य कई परिवर्तनकारी सुधार शुरू किए गए हैं। ये प्रयास अमृत काल में देश की प्रगति को परिभाषित और नेतृत्व करेंगे।

बैठक में ये भी थे शामिल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, अन्नपूर्णा देवी और राजकुमार रंजन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा समेत कई अन्य अधिकारी शामिल थे।
यूजीसी और एआईसीटीई के अध्यक्ष एवं एनसीईआरटी के निदेशक भी इसमें शामिल हुए। बैठक के दौरान पीएम मोदी को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा की प्रगति से भी अवगत कराया गया।
बैठक में पीएम को बताया गया कि नेशनल स्टीयरिंग कमेटी के निर्देशन में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क तैयार करने का काम जारी है।
इसके अलावा देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 28 राज्यों के उच्च शिक्षण संस्थानों में  2774 इनोवेशन सेंटर स्थापित होने की प्रक्रिया जारी है।
साथ ही देश में शोध और स्टार्टअप की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति के साथ जुड़ी अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन अचीवमेंट (एआरआईआईए) को पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया है।

किसानों से जुड़ें स्कूल

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे माध्यमिक विद्यालय जहां विज्ञान की प्रयोगशालाएं हैं, उन्हें मिट्टी की जांच के लिए किसानों से जुड़ना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने छात्रों में सैद्धांतिक दक्षता विकास के लिए स्वदेश में विकसित खिलौनों का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया।

आंगनबाड़ी का डाटाबेस स्कूलों से एकीकृत हो

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के डाटाबेस को बिना किसी बाधा के स्कूलों के रिकॉर्ड के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए क्यों बच्चे आंगनबाड़ी से आगे बढ़कर ही स्कूलों में पहुंचते हैं। स्कूलों में तकनीक की मदद से बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग होनी चाहिए।

अपनी सुविधा और पसंद की पढ़ाई कर सकते हैं छात्र

पीएम ने कहा कि जीवन में कभी भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने और बाहर जाने के कई विकल्प देने और डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर अकादमिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों से छात्रों को अपनी सुविधा और पसंद से पढ़ाई करना संभव हुआ है।

इसके अलावा यूजीसी के नए दिशा-निर्देश से छात्र अब एक ही सत्र में दो कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। पहले यह सुविधा हासिल नहीं थी।

पीएम ने कहा कि छोटे उम्र के बच्चों की देखभाल और शिक्षा (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन) की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ‘बालवाटिका’, ‘निपुण भारत’, ‘विद्या प्रवेश’, ‘परीक्षा सुधार’ और ‘कला-एकीकृत शिक्षा’ जैसी नई पहल बच्चों को बेहतर बनाने के लिए लागू की गई हैं।

उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क भी आखिरी दौर में

प्रधानमंत्री को बताया गया कि राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसईक्यूएफ) भी तैयारी के आखिरी चरण में है।

यूजीसी स्नातक शिक्षा कार्यक्रम के वर्तमान पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क और क्रेडिट सिस्टम को एनएसईक्यूएफ के साथ एकीकृत करने के लिए कार्य कर रहा है।

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