Press "Enter" to skip to content

इंदौर में फिर रखी जा रही जमीन घोटालों की नींव, हवा में प्रोजेक्ट कब “साकार” होंगे पता नहीं

Indore New Project Lunch। शहर के बाहर किसी भी दिशा में चले जाइए प्रॉपर्टी एजेंट के बड़े-बड़े बोर्ड आपको लुभाते नजर आ जाएंगे, इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट ना तो रेरा में रजिस्टर हैं और ना ही इन्हें बेचने में लगे प्रॉपर्टी एजेंट। छोटे प्रोजेक्ट की तो बात छोड़िए जो बड़े स्थापित नाम है वह भी बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के प्रॉपर्टी बेच रहे हैं। दैनिक सदभावना पाती अख़बार ने अपने पिछले अंकों में इसके कई खुलासे किये हैं, हमने जब पड़ताल जारी रखी तो कई और चौंकाने वाले नाम सामने आये।

सोलिटेयर रियलटी (उज्जैन रोड स्थित शिव नगरी, बाय पास के नज़दीक सिंबा सिटी), बीसीएम (इंदौर, देवास), ग्रीन वैली, ड्रीम लेकव्यू सिटी, केशव कुंज, श्री सांवरिया धाम प्रमुख हैं जो खुलेआम प्री बुकिंग के नाम पर प्लाट बेच रहे हैं। खेत की ज़मीन नियमों को ताक पर रखकर निवेशकों को एग्रीमेंट पर बेची जा रही हैं, इनमें से कई बड़े ग्रुप विभिन्न तरीकों से मार्केटिंग एवं प्रॉपर्टी एक्सपो में जाकर अपने रेरा एप्रूव्ड प्रोजेक्ट की आड़ में कच्ची ज़मीन पर निवेश करवा कर जमीन घोटाले की नींव रख रहे हैं।

दावे और वास्तविकता में है अंतर

किसी ज़मीन/प्लाट को बेचते समय डेवलपर और एजेंट द्वारा जो दावे किये जाते हैं वास्तविकता में वो पूरे नहीं हो पाते हैं। शहर के प्रतिष्ठित और बड़े साकार ग्रुप की बात करें तो इससे पूर्व मे या वर्तमान में जुड़े रहे प्रमोटर्स के 20 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं परन्तु अधिकतर अपूर्ण हैं इनके प्रोजेक्ट शुरू होते हैं पर ख़त्म नहीं। साकार रियल लाइफ, साकार कॉरिडोर 10 वर्षों से अधिक होने के बाद भी यहाँ सिर्फ खाली जमीन पड़ी है निवेशक कागजों पर ही आसामी बन रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की लांचिंग में भी निवेशकों को वही सब सपने दिखाए गए जो अन्य कॉलोनाइजर दिखाते हैं।

दावा

मौजूदा स्थिति

लगभग 10 वर्ष पहले साकार कॉरिडोर प्रोजेक्ट सुपर कॉरिडोर पर चालू हुआ इसे सबसे बड़ी कॉलोनी के रूप में सामने लाया गया था, निवेशकों से वादा किया गया था कि बहुत जल्द कॉलोनी विकसित होगी निवेशक परेशान हैं पजेशन नहीं होने से यहाँ प्लाट खाली पड़े हैं सड़कें जर्जर है रख रखाब ठीक नहीं होता है
इस कालोनी में सभी नियमों का पालन किया जायेगा नियमों का कोई पालन नहीं किये जाने से कॉलोनी अधर में पड़ी है
जब तक कॉलोनी विकसित न हो जाये कोई एक्स्ट्रा शुल्क ग्राहकों से नहीं लिया जायेगा अन्य शुल्क लिया जा रहा है
विश्वस्तरीय एमिनिटीज उपलब्ध करवाई जाएँगी सुविधा तो दूर यहां मकान नहीं बन रहे

ऐसे ही खंडवा रोड स्थित साकार रियल लाइफ में भी अनेकों दावे किये गए थे पर जमीनी हकीकत इतर है। यह स्थिति अन्य डेवलपरों के प्रोजेक्ट की भी है दावे तो बहुत किये जाते हैं पर बिक्री के बाद कॉलोनियां सुनसान पड़ी रहती हैं।

प्रॉपर्टी साइबर फ्रॉड में जामताड़ा बनता इंदौर

जिस तरह पूरे देश में साइबर फ्रॉड के लिए झारखंड का जामताड़ा प्रसिद्ध है इसी तरह प्रॉपर्टी फ्रॉड के लिए इंदौर प्रसिद्ध हो रहा है, जामताड़ा में बेरोजगार युवक मोबाइल पर साइबर फ्रॉड को अंजाम देते हैं इस तरह यहां मार्केटिंग कंपनियां अपने अधीन सैकड़ों युवाओं को नौकरी के नाम पर प्रॉपर्टी फ्रॉड में धकेल रही हैं। युवाओं से सोशल मीडिया, टेली कॉलिंग इत्यादि तरीकों से प्रॉपर्टी साइबर फ्रॉड करवाया जा रहा है। इंदौर में 100 से अधिक बड़ी मार्केटिंग कंपनियां संचालित हो रही हैं इनमें दिव्य वसुधा बिल्डकॉन, लक्ष्य रियल्टी, यूनिवर्सल इंफ्राटेक, शुभ संकल्प रियलटी, आरएनटी इंफ्राटेक, वसुधा डेवकॉन प्रमुख हैं।

इन कंपनियों में कहीं 10 तो कहीं 300 रेरा अपंजीकृत युवा काम कर रहे हैं जिनको रोजगार और उज्जवल भविष्य के सपने दिखाकर फ्रॉड कामों में धकेला जा रहा है। प्रॉपर्टी प्रमोटर (डेवलपर) मार्केटिंग में सीधे फंसने के भय से इन कंपनियों द्वारा मार्केटिंग करवा रहे है। ऐसी ही कुछ मार्केटिंग कंपनी सोलिटेयर रियलटी के उज्जैन रोड स्थित शिव नगरी, बाय पास के नजदीक सिंबा सिटी के लिए काम कर रही हैं इसमें इंद्रप्रस्थ चौराहे स्थित सौरभ जैन SJ Group मुख्य है।

यहाँ समझें रेरा के नियम और बिल्डर/एजेंट की चालाकियों को

ये कहते हैं रेरा के नियम बिल्डर/एजेंट ऐसे कर रहे धोखा ये हैं जिम्मेदार
रेरा में प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन से पहले किसी तरह का लॉन्च या विज्ञापन नहीं किया जाएगा। प्री बुकिंग के नाम पर फर्जी मार्केटिंग कंपनियां सोशल मीडिया, टेली कालिंग और अन्य तरीकों से प्रचार कर बिक्री करती है रेरा और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह जवाबदार
रेरा अधिनियम धारा 3 के मुताबिक कोई भी एजेंट खुद को पंजीकृत कराए बिना कोई बिक्री नहीं कर सकता, साथ ही पंजीकृत एजेंट केवल रेरा पंजीकृत प्रोजेक्ट ही बेच सकता है मार्केटिंग कंपनियों के हजारों अपंजीकृत एजेंट हैं और अधिकतर रेरा में अपंजीकृत प्रोजेक्ट ही बेच रहे हैं रेरा, स्थानीय प्रशासन, पुलिस पूरी तरह जवाबदार
प्रमोटर्स को प्रोजेक्ट का 70 प्रतिशत पैसा अलग रिजर्व अकाउंट में रखना होगा। किसी पेशेवर से इसे सर्टिफाइड कराना भी जरूरी इस स्टेज के आने से पहले ही लगभग सारे प्लाट बेच दिए जाते हैं, कागजों पर इन नियमों की पूर्ति की जाती है ऑडिटर और रेरा
रेरा की वेबसाइट पर अपडेट। वेबसाइट पर अपडेट आंकड़ों और वस्तुस्तिथि में जमीन आसमान का फर्क है आंकड़े पुराने डाले जाते हैं रेरा और बिल्डर
रियल एस्टेट एजेंटों को लेनदेन की सुविधा के लिए खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के काम नहीं कर सकते मध्यप्रदेश रेरा इस मामले में फिसड्डी है नाम मात्र एजेंटों ने पंजीकरण करवाया है वास्तविकता में हजारों एजेंट बिना  पंजीकरण के काम कर रहे हैं रेरा, स्थानीय प्रशासन, पुलिस पूरी तरह जवाबदार
रियल एस्टेट सेक्टर की निजी और सरकारी दोनों ही एजेंसियों के प्रोजेक्ट का पंजीयन अनिवार्य है नियमों का पालन नहीं हो रहा प्रतिदिन अवैध कालोनियों का निर्माण हो रहा है रेरा, स्थानीय प्रशासन, पुलिस पूरी तरह जवाबदार
हर तीन माह में प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी जमा करनी होती है प्रोग्रेस रिपोर्ट की जानकारी जनता तक आसानी से नहीं पहुंच पाती रेरा, ऑडिटर

घातक साबित होगी प्रशासन की अनदेखी

शासन द्वारा फलते फूलते गोरख धंधे की अनदेखी करना इंदौर की जनता और बाहरी निवेशकों के लिए घातक साबित हो सकती है।

जवाबदार सिर्फ रेरा नहीं 

सिर्फ रेरा ही इसके लिए जवाबदार नहीं है अन्य विभाग भी हैं जिनका दायित्व है इन पर निगरानी रखने का। एक प्रोजेक्ट पूरा होता नहीं, दूसरे प्रोजेक्ट को सारे सरकारी विभाग तश्तरी में रखकर अनुमति प्रदान कर देते हैं। नाक के नीचे खेल चलता रहता है, पटवारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक की जानकारी में ये सब होता रहता है।

Indore News in Hindi

Spread the love
More from Dr. DevendraMore posts in Dr. Devendra »
More from Indore NewsMore posts in Indore News »