- निवेशकों से लोन, पार्टनर बनाकर बिल्डर खुद के सपने कर रहे “साकार”
- रेरा अप्रूव संपत्ति ही खरीदिए नहीं तो आप सपनों का घर नहीं बल्कि एक विवाद खरीद रहे हैं…
Property in Indore। निष्क्रिय रेरा का फायदा आर्थिक राजधानी इंदौर के चालाक प्रॉपर्टी प्रमोटर और एजेंट भरपूर उठा रहे हैं, शहर में दस हजार से अधिक प्रॉपर्टी ब्रोकर काम कर रहे हैं पर रेरा पंजीकरण एक हजार से भी कम है, इनके पीछे बिल्डरों की सोची समझी साजिश है, पंजीकृत एजेंट को अपने बिक्री के सभी रिकॉर्ड रेरा के दफ्तर में जमा करवाने होते हैं इसलिए बिल्डर मार्केटिंग कंपनियों के अधीन कार्यरत अपंजीकृत एजेंटों से अपने प्री लॉन्च प्रोजेक्ट की बुकिंग करवा रहे हैं जिसका ना कोई रिकॉर्ड है और ना कोई ऑडिट ।
खुल्ला खेल फर्रुखाबादी –
कृषि/कच्ची भूमि जिसका ना डायवर्सन हुआ ना टीएंडसीपी से नक्शा पास, इन जमीनों पर मनमाफिक नक्शा बना प्लॉटिंग कर पहले डायरियों पर बेचा जाता था, दैनिक सदभावना पाती अखबार के लगातार खुलासे के बाद अब डायरियों पर बुकिंग नगण्य हो गई है, वहीं बिल्डरों ने इस फर्जीवाड़े का नया रास्ता खोज लिया है अब यह प्री लॉन्चिंग सौदे एक हजार मूल्य के स्टाम्प पर एग्रीमेंट कर किए जा रहे हैं।
इन एग्रीमेंट्स की विशेषता है कि निवेशकों को लोनदाता / पार्टनर / शेयर होल्डर बनाकर 1% मासिक लोन लेने की बात लिखी जाती है और 1 साल बाद यदि लोन वापस ना हो तो भविष्य के प्रस्तावित प्रोजेक्ट में मनमाफिक काटे गए प्लॉट नंबर/ जगह आवंटित कर दिए जाते हैं। इन एग्रीमेंट्स में रेरा से बचने के रास्ते खोजे गए हैं पर एक कहावत है जिसे बिल्डर समझ नहीं रहे “कानून के अनुसार जो काम आप सीधे नहीं कर सकते उसको उल्टे से भी नही कर सकते”
गौरतलब हो कि निवेशकों से राशि मिनिमम 25% से शुरू होकर डील के मुताबिक तय की जाती है, राशि तय होने के बाद चेक या बैंक अकाउंट में राशि खुलेआम ली जाती है, यह राशि प्राप्ति न तो मार्केटिंग कंपनियों के नाम न ही मूल डेवलपर / प्रमोटर कंपनी के नाम पर की जाती है बल्कि सेल कंपनियां और छोटी फर्म बनाकर की जा रही है।
इस तरह ब्लैक मनी का सरकुलेशन तेजी से किया जाता है, नियमों के विपरीत एक हजार के स्टांप पर सौदा करके करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी की जा रही है, मध्यप्रदेश रेरा और जिला प्रशासन सब जानते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा बिल्डरों के बाहुबल और धनबल के आगे नतमस्तक खड़ा दिखाई दे रहा है।
क्या कहता है रेरा नियम :-
सम्पदा विनियमन अधिनियम (रेरा)- 2016 की धारा 13 के अनुसार “संप्रवर्तक द्वारा सर्वप्रथम विक्रय करार किए बिना कोई निक्षेप या अग्रिम न लिया जाना” –
(1) संप्रवर्तक, यथास्थिति, अपार्टमेंट, भूखंड या भवन की लागत के दस प्रतिशत से अधिक राशि अग्रिम संदाय अथवा आवेदन फीस के रूप में किसी व्यक्ति से, उस व्यक्ति के साथ सर्वप्रथम लिखित करार किए बिना, स्वीकार नहीं करेगा और उक्त विक्रय करार को तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन रजिस्टर करेगा ।
(2) उपधारा (1) में निर्दिष्ट विक्रय करार ऐसे प्ररूप में होगा जो विहित किया जाए और उसमें परियोजना के विकास की, जिसके अंतर्गत भवन और अपार्टमेंट का सन्निर्माण भी है, विनिर्देशों और आंतरिक विकास संकर्मों तथा बाह्य विकास संकर्मों की विशिष्टियां, वे तारीखें जिन तक और वह रीति, जिसमें, यथास्थिति, अपार्टमेंट, भू-खंड या भवन की लागत के मद्दे आबंटितियों द्वारा संदाय किए जाने हैं, और वह तारीख, जिसको अपार्टमेंट, भू-खंड या भवन का कब्जा सौंपा जाना है संप्रवर्तक द्वारा व्यतिक्रम की दशा में आबंटिती को और आबंटिती द्वारा संप्रवर्तक को संदेय ब्याज की दरें और ऐसी अन्य विशिष्टियां, जो विहित की जाएं, विनिर्दिष्ट की जाएंगी ।