स्टार्टअप पॉलिसी की लांचिंग में प्रधानमंत्री करेंगे चयनित उद्यमियों से संवाद 

sadbhawnapaati
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 इन्दौर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान भी रहेंगे मौजूदजानें कुछ प्रमुख स्टार्टअप कारोबारियों के बारे मेंकृषि पारंपरिक तरीकों से की जाती थी, भारत में अधिकांश किसान नवीन तकनीकी से वंचित थे, और देश में अधिकांश कृषि भूमि आधुनिक कृषि व्यापार से अछूती रही।उन्हें प्रतिष्ठित 40 ‘अंडर 40’ डाटा साइंटिस्ट इन इंडिया अवार्ड एवं 51 मोस्ट इंपैक्ट स्मार्ट सिटीज लीडर्स अवार्ड से वर्ष 2019 में सम्मानित किया गया है।इसकी मदद से बेहतर निर्णय लेने के लिए व्यवसाय 200 से ज़्यादा रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।नीति के प्रमुख प्रावधान– नवीन इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना एवं विद्यमान इन्क्यूबेशन सेंटर्स में क्षमता विस्तार।

 इन्दौर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान भी रहेंगे मौजूद

इन्दौर। इन्दौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 13 मई को मध्यप्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी की लांचिंग होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशेष तौर पर मौजूद होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टार्टअप कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के चयनित स्टार्टअप उद्यमियों से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एमपी स्टार्टअप पॉलिसी 2022 लांच करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना- 2022 का वर्चुअल शुभारंभ करने के साथ मध्यप्रदेश के चयनित स्टार्टअप उद्यमियों से संवाद भी करेंगे।

प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश के जिन चयनित स्टार्टअप उद्यमियों से संवाद करेंगे वे हैं – ग्रामोफोन, इन्दौर – तौसीफ खान और निशांत वत्स महात्रे, उमंग श्रीधर डिज़ाइन प्रा.लि. भोपाल, मे. शॉप किराना ई-ट्रेडिंग प्रा.लि. इन्दौर – तनुतेजस सारस्वत, संस्थापक। कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

जानें कुछ प्रमुख स्टार्टअप कारोबारियों के बारे में

1. मे. शॉप किराना ई-ट्रेडिंग प्रा.लि. इन्दौर – तनुतेजस सारस्वत, संस्थापक असंगठित खुदरा क्षेत्र हेतु उच्च तकनीक एवं आपूर्ति श्रृंखला नवाचार युक्त बी-2-बी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म। देश के 06 राज्यों के 30 शहरों, 1 लाख खुदरा दुकानों एवं 5 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंच।

1000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा रूपए 800 करोड़ प्रतिवर्ष का कारोबार। जापान तथा भारत के प्रमुख स्टार्टअप निवेशकों से लगभग रूपए 400 करोड़ की फंडिग।

2. उमंग श्रीधर डिज़ाइन प्रा.लि. , भोपाल सुश्री उमंग श्रीधर एक बिजनेस-टू-बिजनेस फैब्रिक सप्लायर प्लेटफॉर्म की संस्थापक हैं, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में उन महिलाओं/कारीगरों को सशक्त बनाना है, जो पारंपरिक/अंबर चरखा बनाना और हथकरघा पर बुनाई करना जानती हैं।

भारत के एक छोटे से गाँव में पली-बढ़ी श्रीधर इन सुदूर क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने के लिए दृढ़ थीं। इनका सशक्तु मॉडल रिलायंस सहित बड़े-बड़े भारतीय स्टोरों को आपूर्ति करता है।

टीम अब कारीगरों को एक मंच पर लाने के लिए IoT (Internet of Things) का उपयोग करने की योजना बना रही है; इसका उद्देश्य बुनकरों के लिए एक निष्पक्ष और समान बाजार बनाने के लिए रियल टाईम डेटा तक पहुंचने में उनकी मदद करना है। उमंग श्रीधर डिज़ाइन प्रा.लि. ने करीब 1.5 करोड़ रुपये फंडिंग प्राप्त की है।

3. ग्रामोफोन, इन्दौर– तौसीफ खान और निशांत वत्स महात्रे: जब IIT-खड़गपुर के पूर्व छात्र तौसीफ खान और निशांत वत्स महात्रे ने 2016 में ग्रामोफोन की शुरुआत की, तब भारत में एग्रीटेक एक नवजात क्षेत्र था।

कृषि पारंपरिक तरीकों से की जाती थी, भारत में अधिकांश किसान नवीन तकनीकी से वंचित थे, और देश में अधिकांश कृषि भूमि आधुनिक कृषि व्यापार से अछूती रही।

तौसीफ, जो ओमनीवोर पार्टनर्स और असपाडा इन्वेस्टमेंट्स जैसे कृषि-केंद्रित वीसी फंडों में काम करते थे, कृषि क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ थे, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 17-18 प्रतिशत का योगदान देता है।

उनके सह-संस्थापक निशांत को भी कृषि परामर्श और निवेश का अनुभव था। ग्रामोफोन के सह-संस्थापक हर्षित गुप्ता, तौसीफ खान, आशीष राजन सिंह और निशांत वत्स महात्रे ने ग्रामोफोन को लगभग रु. 137 करोड़ वैल्यूवऐशन तक बढ़ा दिया है।

4. स्वायत रोबोट्स प्रा. लि. भोपाल – संजीव शर्मा : स्वायत रोबोट्स के सीईओ संजीव शर्मा ने भारत में स्वायत्त ड्राइविंग को सक्षम करने के लिए स्वायत रोबोट्स की शुरुआत की है।

संजीव विगत 12 वर्षों से स्वायत्त नेविगेशन (Autonomous Navigation) पर शोध कर रहे हैं, जो ‘मशीन लर्निंग ट्रेनिंग’ और ‘रोबोटिक मोशन प्लानिंग’ पर केंद्रित हैं। स्वायत रोबोट्स हाल ही में, लेवल 5 स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक का विकास कर रही हैं जिसकी मदद से सबसे एडवांस सेल्फ ड्राइविंग कार का विकास किया जा सकता है।

उनकी अनुपूर्वक शोध स्वायत्त वाहनों और रोबोटों को भारत के वातावरण को समझने में सक्षम बनाने पर केंद्रित है। वैश्विक तौर पर स्वायत्त ड्राइविंग वाहनों का बाजार वर्ष 2030 तक 8 ट्रिलियन डॉलर एवं भारत के दृष्टिकोण से वर्ष 2040 तक 600 बिलीयन डॉलर के होने का अनुमान है।

स्वायत रोबोट्स द्वारा विकसित की जा रही तकनीक से भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की अपार क्षमता है। तकनीक के इस्तेमाल द्वारा विकसित स्वायत्त बॉर्डर पेट्रोल रोबोट, स्वायत्त टैंक, स्वायत्त हवाई वाहन का आक्रामक और रक्षात्मक संचालन किया जा सकता है।

स्वायत रोबोट्स को जुलाई 2021 में 3 मिलियन डॉलर का निवेश एक अमेरिकी निवेशक से प्राप्त हुआ है। सीईओ श्री संजीव ने आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है एवं कंप्यूटिंग साइंस में एमएस (थीसिस) अल्बर्टा विश्वविद्यालय से पूर्ण किया है।

उन्हें प्रतिष्ठित 40 ‘अंडर 40’ डाटा साइंटिस्ट इन इंडिया अवार्ड एवं 51 मोस्ट इंपैक्ट स्मार्ट सिटीज लीडर्स अवार्ड से वर्ष 2019 में सम्मानित किया गया है।

5. एनविराज कंसल्टिंग प्रा. लि. ग्वालियर – राजदीप पांडे : राजदीप पांडे द्वारा वर्ष 2019 में संस्थापित “एनविराज कंसल्टिंग प्रा. लि.” नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत एक कंपनी है।

कंपनी का मुख्य उद्देश्य पानी की गुणवत्ता बरकरार रखते हुए विविध क्षेत्रों में पानी का कुशल उपयोग है। कंपनी उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्ध स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कंपनी के पास मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में 100 से अधिक परियोजना में कार्य का अनुभव है जिसमें उनके द्वारा 2 करोड़+ लीटर पानी का संरक्षण एवं 4.5 टन से अधिक CO2 का उत्सर्जन कम किया है।

कंसल्टेंसी सेवाओं के अलावा कंपनी जल परियोजना में नवीन उत्पादों का विकास भी कर रही है जिसका अनुसंधान IIT दिल्ली, IIT चेन्नई, IIT कानपुर, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा वित्त पोषित है।

एनविराज कंसल्टिंग को विगत कुछ वर्षों में विभिन्न मान्यताएं मिली हैं एवं IIM काशीपुर और IIT रुड़की से इन्क्यूबेशन हेतु समर्थन प्राप्त हुआ है।

6. वी360.एआई, भोपाल – अर्णव गुप्ता: वी360.एआई कर्मचारी उत्पादकता निगरानी हेतु विकसित B2B SAAS सॉफ्टवेयर बेस्ड स्टार्टअप है । यह वास्तविक समय विश्लेषण (REAL TIME ANALYSIS) का उपयोग करके व्यवसाय मालिकों को कर्मचारियों की उत्पादकता का सटीक आंकलन करने में मदद करता है।

इसकी मदद से बेहतर निर्णय लेने के लिए व्यवसाय 200 से ज़्यादा रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।

वर्तमान में वी360.एआई के पूरे भारत में 20,000 से अधिक उपयोगकर्ता एवं 1500 से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं जिनमें मुख्यत: पतंजलि, आईआरसीटीसी, हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस, टाटा एआईए इत्यादि शामिल है । वी360.एआई 21 वर्षीय उद्यमी अर्णव गुप्ता द्वारा स्थापित किया गया है जो वर्तमान में कंपनी के संस्थापक और सीईओ के रूप में कार्य करते है।

वी360.एआई द्वारा 50 से अधिक वैश्विक पुरस्कार प्राप्त किए गये हैं और वर्तमान में G2, Capterra और अन्य वैश्विक सॉफ्टवेयर लिस्टिंग प्लैटफॉर्म पर विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज है।

वी360.एआई ने हाल ही में वैश्विक उद्यम पूंजी (Global Venture Capital) और फर्मों से सीड फंडिंग के रूप में 3.8 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वी 360.एआई मध्य प्रदेश का सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्टअप है जिसने सबसे तेज वेंचर कैपिटल फंड जुटाया।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश शासन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग मंत्रालय की मध्यप्रदेश मंत्री परिषद द्वारा बैठक दिनांक 18 फरवरी 2022, को प्रदेश में स्टार्टअप्स एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 सह प्रक्रिया एवं दिशा-निर्देश का अनुमोदन किया गया था।

जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 मई 2022 को इन्दौर में शाम 6:30 बजे लांच करेंगे। नीति अन्तर्गत स्टार्टअप एवं इन्क्यूबेटर्स को वित्तीय एवं गैर वित्तीय सुविधा एवं सहायता का प्रावधान किया गया है।

नीति के प्रमुख प्रावधान

– मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र का विकास हेतु स्टार्टअप्स एवं इन्क्यूबेटर्स को निवेश सहायता, कार्यक्रम आयोजन सहायता, लीज रेन्टल सहायता, विस्तार हेतु सहायता, पेटेंट सहायता इत्यादि प्रदान की जायेगी।

– प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्पाद आधारित स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि हेतु उन्हे विशिष्ट सुविधाएं यथा रोजगार सृजन एवं कौशल विकास सहायता, विद्युत शुल्क में छूट एवं विद्युत दरों में रियायत इत्यादि प्रदान की जायेगी।

– महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप्स को अतिरिक्त सहायता।
– स्कूल/महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्टअप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम।

– शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उद्यमिता विकास को सक्रिय रूप से शामिल किया जाना। छात्रों को उद्यमिता की ओर आकर्षित करने के लिए इंटर्नशिप को प्रोत्साहित किया जायेगा।

– नवाचार चुनौती कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के निदान हेतु प्रयास। चयनित स्टार्ट-अप/ नवाचारी को एक करोड़ रू. की विशेष प्रोत्साहन सहायता।

– स्टार्ट-अप के फेसिलिटेशन एवं नीति अंतर्गत सहायता प्रदान करने के लिये विशेषज्ञों यथा वित्तप एवं परियोजना प्रबंधन, विपणन तथा कानूनी मामले की टीम के साथ भोपाल में पृथक से स्टार्टअप सेंटर की स्थापना।

– भारत सरकार में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में उच्च विकास दर प्राप्त करना, कृषि और खाद्य क्षेत्र में स्टार्टअप के विकास हेतु विशेष फोकस।

– नवीन इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना एवं विद्यमान इन्क्यूबेशन सेंटर्स में क्षमता विस्तार।

– स्टार्टअप्स को अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने हेतु उनकी मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग में सहयोग।

– मध्यप्रदेश वेंचर फाइनेंस लिमिटेड तथा मध्यप्रदेश वेंचर फाइनेंस ट्रस्टी लिमिटेड का मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में संविलियन ताकि भविष्य में स्टार्टअप्स को फंडिंग सहायता हेतु विशिष्ट वेंचर कैपिटल फण्ड निर्मित किया जा सके।

– स्टार्ट-अप हेतु एक सुदृढ़ ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जायेगा जो समस्त संबंधित हित धारकों के लिए सम्पर्क सेतु का कार्य करेगा। पोर्टल को भारत सरकार के स्टार्ट-अप पोर्टल से एकीकृत किया जायेगा। पोर्टल के माध्यम से सुविधाओं का लाभ प्रदान करने को प्राथमिकता दी जायेगी।

– स्टार्ट-अप तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें आवश्यक तकनीकी एवं मार्गदर्शी सहयोग प्रदान करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थापनों/विश्वविद्यालयों एवं अन्य अकादमिक संस्थानों से आवश्यक सहायता एवं भागीदारी प्राप्त की जायेगी।

– ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अंतर्गत स्टार्ट-अप्स एवं इन्क्यूबेटर्स को आवश्यक अनुमति/सम्मतियों के लिए कार्योत्तर स्वीकृति (Post Facto) की व्यवस्था की जायेगी। मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस गारंटी अधिनियम, 2010 में प्रावधान अनुरूप मान्य अनुमोदन (Deemed Approval) भी प्रदान किया जायेगा।

– रूपये 1 करोड़ तक की शासकीय निविदा में भाग लेने वाले स्टार्टअप उद्यम को अनुभव एवं टर्नओवर संबंधी शर्तों/मानदंडों से छूट प्रदान की जायेगी एवं समस्त निविदाओं NIT/RFP में सुरक्षा निधि (Security Deposit)/ बयाना राशि (EMD) से छूट प्राप्त होगी।

– स्टार्टअप्स में नकद तरलता की कमी (Liquidity Crunch) को दूर करने के लिये राज्य शासन के निगम/मंडलों तथा प्रमुख विभागों को यथासंभव भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत TREDS Platform (Trade Receivable Discounting System) से जोडा जायेगा।

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